प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया की नगर पंचायत मनियार की अधिशाशी अधिकारी की आत्महत्या मामले में आरोपी क्लर्क विनोद सिंह को मिली अंतरिम अग्रिम जमानत निरस्त करते हुए अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने शिकायतकर्ता के अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय की बहस सुनकर दिया.
मृतका के भाई ने शिकायत की कि नगर पंचायत चेयरमैन भीम गुप्ता, लिपिक विनोद सिंह और कंप्यूटर ऑपरेटर अखिलेश ने ठेकेदारों से मिलकर उसकी बहन पर अवैध टेंडर पास करने का दबाव डाल रहे थे. इसके बाद उसने स्वयं को जिलाधिकारी कार्यालय से तीन माह के लिए संबद्ध करा लिया था. जब वह वापस आई तो पता चला कि उसके फर्जी हस्ताक्षर से 35 टेंडर जारी करा लिए गए हैं. इसकी शिकायत पूर्व अधिशाशी अधिकारी और जिलाधिकारी से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसको टेलीफोन कर धमकाया जा रहा था. आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया था.
याची अधिवक्ता का कहना था कि उस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप नहीं बनता. झूठा फंसाया गया है, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया और अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी.