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एटा में अधिवक्ता के पुलिस उत्पीड़न का मामला, HC ने दिए जांच के निर्देश

एटा में एक अधिवक्ता और उसके परिवार के पुलिस उत्पीड़न के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने एटा के सीजेएम को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने डीएम और एसपी को जांच मे सहयोग करने का निर्देश दिया है.

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Published : Dec 29, 2020, 6:15 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा में अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा और उनके परिवार के साथ किए गए पुलिस के दुर्व्यवहार के मामले में सीजेएम से जांच रिपोर्ट तलब की है.

हाईकोर्ट ने सीजेएम एटा को दिए जांच के निर्देश

हाईकोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी और एसपी को जांच के दौरान सीजेएम को पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान सीजेएम जो भी जानकारी और दस्तावेज मांगे वो उन्हें उपलब्ध कराएं जाएं. कोर्ट ने आडियो वीडियो के आधार पर घटना की पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कायम जनहित याचिका पर दिया है.

जानें पूरा मामला

आरोप है कि, 21 दिसम्बर को पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता के आवास का दरवाजा तोड़कर उन्हें घसीटा और पैरों की ठोकरे मारी. इसके बाद पूरे परिवार को घसीटते हुए थाने ले जाकर कैदखाने में डाल दिया.

पुलिस की बर्बर कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद वकीलों ने पुलिस रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदेशव्यापी विरोध के तहत वकीलों ने हड़ताल की. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताया. यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने जनहित याचिका कायम कर मामले को खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीजेएम को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. सुनवाई 8 दिसम्बर को पुनः होगी.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा में अधिवक्ता राजेन्द्र शर्मा और उनके परिवार के साथ किए गए पुलिस के दुर्व्यवहार के मामले में सीजेएम से जांच रिपोर्ट तलब की है.

हाईकोर्ट ने सीजेएम एटा को दिए जांच के निर्देश

हाईकोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी और एसपी को जांच के दौरान सीजेएम को पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि जांच के दौरान सीजेएम जो भी जानकारी और दस्तावेज मांगे वो उन्हें उपलब्ध कराएं जाएं. कोर्ट ने आडियो वीडियो के आधार पर घटना की पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी.

यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस डी सिंह की खंडपीठ ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशन के पत्र पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कायम जनहित याचिका पर दिया है.

जानें पूरा मामला

आरोप है कि, 21 दिसम्बर को पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ता के आवास का दरवाजा तोड़कर उन्हें घसीटा और पैरों की ठोकरे मारी. इसके बाद पूरे परिवार को घसीटते हुए थाने ले जाकर कैदखाने में डाल दिया.

पुलिस की बर्बर कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद वकीलों ने पुलिस रवैये के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्वान पर प्रदेशव्यापी विरोध के तहत वकीलों ने हड़ताल की. बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन मिश्र ने भी इस घटना पर कड़ा विरोध जताया. यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष जानकी शरण पांडेय ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सरकार को निर्देश जारी करने की मांग की.

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभाशंकर मिश्र ने भी मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने जनहित याचिका कायम कर मामले को खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया. याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सीजेएम को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. सुनवाई 8 दिसम्बर को पुनः होगी.

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