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सर्व शिक्षा परियोजना कर्मियों के वेतन कटौती पर रोक का आदेश, राज्य सरकार से जवाब-तलब

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Published : May 14, 2021, 10:48 PM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सर्व शिक्षा परियोजना में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर, स्टेनोग्राफर व लिपिकों के वेतन में कटौती करने के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के आदेश को निलंबित कर दिया है और पूर्व की भांति भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है.

सर्व शिक्षा परियोजना कर्मियों के वेतन कटौती पर रोक का आदेश
सर्व शिक्षा परियोजना कर्मियों के वेतन कटौती पर रोक का आदेश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्व शिक्षा परियोजना मे कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर व लिपिको के वेतन में कटौती करने के प्रोजेक्ट डाक्टर के आदेश को निलंबित कर दिया है. पूर्व की भांति भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार से चार हफ्ते मे याचिका पर जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने मनोज कुमार श्रीवास्तव व 5 अन्य की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता राजीव मिश्र व राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता निमाई दास ने पक्ष रखा. याचीगण का कहना है कि यूपी सर्व शिक्षा परियोजना बोर्ड की कार्यकारिणी समिति ने 21 दिसंबर, 2017 को दिए जा रहे भुगतान में 28.7 फीसद की वृद्धि की. अब 15 जनवरी, 2021 को प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कटौती करने का आदेश जारी किया है. ऐसा करने का उन्हें क्षेत्राधिकार नहीं है और बिना याचियों को सुनवाई का मौका दिए वेतन में कटौती करना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. इसी मामले में दर्जनों याचिकाएं लंबित हैं. कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और सभी याचिकाओं को 10 जून को सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्व शिक्षा परियोजना मे कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर, स्टेनोग्राफर व लिपिको के वेतन में कटौती करने के प्रोजेक्ट डाक्टर के आदेश को निलंबित कर दिया है. पूर्व की भांति भुगतान जारी रखने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार से चार हफ्ते मे याचिका पर जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने मनोज कुमार श्रीवास्तव व 5 अन्य की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता राजीव मिश्र व राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता निमाई दास ने पक्ष रखा. याचीगण का कहना है कि यूपी सर्व शिक्षा परियोजना बोर्ड की कार्यकारिणी समिति ने 21 दिसंबर, 2017 को दिए जा रहे भुगतान में 28.7 फीसद की वृद्धि की. अब 15 जनवरी, 2021 को प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कटौती करने का आदेश जारी किया है. ऐसा करने का उन्हें क्षेत्राधिकार नहीं है और बिना याचियों को सुनवाई का मौका दिए वेतन में कटौती करना नैसर्गिक न्याय के विपरीत है. इसी मामले में दर्जनों याचिकाएं लंबित हैं. कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और सभी याचिकाओं को 10 जून को सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है.

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