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महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का परीक्षा फीस बढ़ाने का आदेश रद्द, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के परीक्षा फीस बढ़ाए जाने के आदेश के मामले में सुनवाई करते हुए इसे अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि एम जे पी रूहेलखंड विश्वविद्यालय केस में कोर्ट ने कानूनी मुद्दे पर पहले ही फैसला दे रखा है. इसी आधार पर यह फैसला दिया गया है.

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हाईकोर्ट ने दिया आदेश.
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Published : Feb 8, 2020, 10:33 AM IST

प्रयागराज: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को अवैध करार देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विवेकानंद महाविद्यालय सेमरी बलिया सहित तीन कॉलेजों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. इन याचिकाओं द्वारा मनमाने तरीके से परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गई थी.

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि नियमानुसार उपबंध किये विश्वविद्यालय को परीक्षा फीस बढ़ाने का अधिकार नहीं है. जमा की जा चुकी अतिरिक्त फीस को अगले सत्र में समायोजित करने का आदेश भी हाईकोर्ट ने दिया है.

शुक्रवार को हाईकोर्ट ने काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया और कहा कि छात्रों से जमा करायी गयी अधिक फीस अगले सत्र में समायोजित की जाये. कोर्ट ने कॉलेजों को इसकी जानकारी छात्रों को देने का आदेश दिया है. इस दौरान कोर्ट ने विश्वविद्यालय को नियमानुसार परिनियम में फीस बढ़ाने की कार्रवाही करने की छूट दी है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि एम जे पी रूहेलखंड विश्वविद्यालय केस में कोर्ट ने कानूनी मुद्दे पर पहले ही फैसला दे रखा है. इसी आधार पर कोर्ट ने फीस बढ़ाने के आदेश को रद्द कर दिया है.

प्रयागराज: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को अवैध करार देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विवेकानंद महाविद्यालय सेमरी बलिया सहित तीन कॉलेजों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है. इन याचिकाओं द्वारा मनमाने तरीके से परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गई थी.

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि नियमानुसार उपबंध किये विश्वविद्यालय को परीक्षा फीस बढ़ाने का अधिकार नहीं है. जमा की जा चुकी अतिरिक्त फीस को अगले सत्र में समायोजित करने का आदेश भी हाईकोर्ट ने दिया है.

शुक्रवार को हाईकोर्ट ने काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया और कहा कि छात्रों से जमा करायी गयी अधिक फीस अगले सत्र में समायोजित की जाये. कोर्ट ने कॉलेजों को इसकी जानकारी छात्रों को देने का आदेश दिया है. इस दौरान कोर्ट ने विश्वविद्यालय को नियमानुसार परिनियम में फीस बढ़ाने की कार्रवाही करने की छूट दी है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कि एम जे पी रूहेलखंड विश्वविद्यालय केस में कोर्ट ने कानूनी मुद्दे पर पहले ही फैसला दे रखा है. इसी आधार पर कोर्ट ने फीस बढ़ाने के आदेश को रद्द कर दिया है.

काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा परीक्षा फीस बढ़ाने का  आदेश रद्द 

जमा अतिरिक्त फीस के अगले सत्र में समायोजित करने का निर्देश 


प्रयागराज 7फरवरी 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बिना स्टैच्यूट में नियमानुसार उपबंध किये विश्वविद्यालय को परीक्षा फीस बढ़ाने का अधिकार नहीं है। 
कोर्ट ने काशी विद्यापीठ वाराणसी द्वारा परीक्षा फीस बढ़ाने के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। और कहा है कि छात्रों जमा करायी गयी अधिक फीस अगले सत्र में समायोजित की जाय।कोर्ट ने कालेजों को इसकी जानकारी छात्रों को देने का आदेश दिया है। 
कोर्ट ने विश्वविद्यालय को नियमानुसार परिनियम में फीस बढ़ाने  की कार्रवाही कर ने की छूट दी है। 
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विवेकानंद महाविद्यालय सेमरी बलिया  सहित तीन कालेजों की याचिकाओ को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिकाओ द्वारा मनमाने तरीके से  परीक्षा फीस  बढ़ाने के आदेश को चुनौती दी गयी थी। 
कोर्ट ने कहा  कि एम जे पी रूहेलखंड विश्वविद्यालय केस में कोर्ट ने कानूनी मुद्दे पर पहले ही फैसला दे रखा है। इसी आधार पर कोर्ट ने फीस बढ़ाने के आदेश को रद्द कर दी है।
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