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निठारी कांड: सुरिंदर कोली को फांसी की सजा को लेकर पेपर बुक तैयार करने का आदेश - इलाहाबाद हाईकोर्ट का समाचार

निठारी कांड के आरोपी सुरिंदर कोली को फांसी की सजा की पुष्टि के लिए अधीनस्थ अदालत के रिफरेंस को सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस मामले की सुनवाई 12 सप्ताह बाद होगी.

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Published : Jul 12, 2022, 1:20 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को निठारी कांड के आरोपी सुरिंदर कोली को फांसी की सजा की पुष्टि के लिए अधीनस्थ अदालत के रिफरेंस को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. अदालत ने महानिबंधक कार्यालय को पेपर बुक तैयार करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपील की सुनवाई को लिए 12 हफ्ते बाद पेश करने का आदेश दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस ए एच रिजवी की खंडपीठ ने सुरिंदर कोली की अपील पर दिया. कोर्ट ने कहा है कि अपील की नोटिस शासकीय अधिवक्ता और सीबीआई के अधिवक्ता को दिया जाए.

अधीक्षक जिला कारागार गाजियाबाद ने 17 मई 2022 और 19 मई 2022 के फैसले की प्रति भेजी है. इसमें कोली को फांसी की सजा सुनाई गई थी. इसकी पुष्टि के लिए विशेष अदालत भ्रष्टाचार निरोधक कानून गाजियाबाद ने हाईकोर्ट में रिफरेंस भेजा था. साथ ही सीलबंद टीन के बाक्स में प्रत्रावली भी भेजी गई थी.

ये भी पढ़ें-तबादलों में अनियमितताओं को लेकर सीएम योगी सख्त, दो दिन में मांगी रिपोर्ट

मालूम हो कि नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर उनके साथ दुष्कर्म कर नृसंश हत्या करने का सुरिंदर कोली और मनिंदर सिंह पंढेर पर लगे आरोप की सीबीआई ने जांच कर चार्जशीट दाखिल की थी. लंबी सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने कई केसों में कोली को फांसी की सजा दी है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को निठारी कांड के आरोपी सुरिंदर कोली को फांसी की सजा की पुष्टि के लिए अधीनस्थ अदालत के रिफरेंस को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया. अदालत ने महानिबंधक कार्यालय को पेपर बुक तैयार करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपील की सुनवाई को लिए 12 हफ्ते बाद पेश करने का आदेश दिया.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति एस ए एच रिजवी की खंडपीठ ने सुरिंदर कोली की अपील पर दिया. कोर्ट ने कहा है कि अपील की नोटिस शासकीय अधिवक्ता और सीबीआई के अधिवक्ता को दिया जाए.

अधीक्षक जिला कारागार गाजियाबाद ने 17 मई 2022 और 19 मई 2022 के फैसले की प्रति भेजी है. इसमें कोली को फांसी की सजा सुनाई गई थी. इसकी पुष्टि के लिए विशेष अदालत भ्रष्टाचार निरोधक कानून गाजियाबाद ने हाईकोर्ट में रिफरेंस भेजा था. साथ ही सीलबंद टीन के बाक्स में प्रत्रावली भी भेजी गई थी.

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मालूम हो कि नाबालिग लड़कियों को झांसा देकर उनके साथ दुष्कर्म कर नृसंश हत्या करने का सुरिंदर कोली और मनिंदर सिंह पंढेर पर लगे आरोप की सीबीआई ने जांच कर चार्जशीट दाखिल की थी. लंबी सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने कई केसों में कोली को फांसी की सजा दी है.

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