प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court order) ने बलिया के एक विद्यालय में पढ़ा रहे शिक्षक को विद्यालय के अनुदान (Ballia school grant) पर आने की तिथि से वेतन देने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए अपील दाखिल करने में हुआ विलंब माफ कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल एवं न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने दिया है.
मामले के तथ्यों के अनुसार, एकल पीठ ने डॉक्टर लोहिया सीनियर बेसिक विद्यालय बैरिया बलिया (Lohia Senior Basic School Bairia Ballia) में कार्यरत याची संतोष कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई के बाद निदेशक बेसिक शिक्षा के 15 सितंबर 2009 के आदेश को रद्द कर दिया था. निदेशक ने याची की नियुक्ति को अवैध माना था और उसके वेतन भुगतान से मना कर दिया था. एकल पीठ ने यह भी निर्देश दिया था कि अनुदान की तारीख से वेतन न देने पर याची को ब्याज सहित भुगतान किया जाए और ऐसा न करने पर सरकार संबंधित अधिकारियों से धनराशि की वसूली करे.
विशेष अपील में कहा गया कि याची की नियुक्ति को निदेशक बेसिक शिक्षा ने 28 सितंबर 2005 को अवैध माना था. कहा गया कि याची ने इस आदेश को चुनौती नहीं दी बल्कि निदेशक द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के क्रम में याची के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेते समय उसकी वेतन भुगतान की दोबारा मांग को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी. कहा गया कि जब पूर्व आदेश को याची ने चुनौती नहीं दी तो निदेशक के दूसरे आदेश को चुनौती देना गलत था. कहा गया कि ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि बेसिक शिक्षा निदेशक ने अपने पूर्व आदेश पर पुनर्विचार किया है, जिसे करने का उसे कोई अधिकार नहीं था. सुनवाई के बाद खंडपीठ ने सरकार की अपील पर उठाए गए मुद्दे को सही पाते हुए एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी.
यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला, बीवी- बच्चों की देखभाल करने में अक्षम मुस्लिम को दूसरी शादी का हक नहीं