प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से प्रदेश के जेल अधीक्षकों के माध्यम से कैदियों की समय पूर्व रिहाई की लंबित संख्या की जानकारी (Allahabad High Court on premature release of prisoners) पर हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश का पालन न होने पर दोनों अधिकारी 10 जनवरी को हाजिर हों. कोर्ट ने सीजेएम को निर्देश दिया है कि 19 अप्रैल 2022 को जमानत मंजूर होने के बावजूद कोई बेल बांड जमा करने वाला न मिलने के कारण जेल में बंद अपीलार्थी राशिद व अन्य की तत्काल रिहाई कराएं और रिपोर्ट पेश करें.
कोर्ट ने महानिबंधक को 24 घंटे के भीतर आदेश की प्रति दोनों अधिकारियों को भेजने का भी निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान एवं न्यायमूर्ति आरएमएन मिश्र की खंडपीठ ने राशिद व अन्य की अपील पर दिया है. कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गत 18 मई को राज्य सरकार को वरीयता क्रम से कैदियों की दो सप्ताह में समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था.
इसके बावजूद अपीलार्थी रिहा नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समय पूर्व रिहाई पर कई बार आदेश दिए हैं और कहा है कि समय से अर्जी निस्तारित की जाए, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है.
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