ETV Bharat / state

कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर जवाब दाखिल करे सरकार: इलाहाबाद हाईकोर्ट

बुधवार को कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाइकोर्ट सरकार से जवाब मांगा (Allahabad High Court on premature release of prisoners). हाईकोर्ट का प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को 10 जनवरी को हाजिर होने का निर्देश दिया और कैदियों की समय पूर्व रिहाई की लंबित संख्या की जानकारी पर हलफनामा मांगा.

Etv Bharat
Etv Bharat कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाइकोर्ट premature release of prisoners Allahabad High Court
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 7:48 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से प्रदेश के जेल अधीक्षकों के माध्यम से कैदियों की समय पूर्व रिहाई की लंबित संख्या की जानकारी (Allahabad High Court on premature release of prisoners) पर हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश का पालन न होने पर दोनों अधिकारी 10 जनवरी को हाजिर हों. कोर्ट ने सीजेएम को निर्देश दिया है कि 19 अप्रैल 2022 को जमानत मंजूर होने के बावजूद कोई बेल बांड जमा करने वाला न मिलने के कारण जेल में बंद अपीलार्थी राशिद व अन्य की तत्काल रिहाई कराएं और रिपोर्ट पेश करें.

कोर्ट ने महानिबंधक को 24 घंटे के भीतर आदेश की प्रति दोनों अधिकारियों को भेजने का भी निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान एवं न्यायमूर्ति आरएमएन मिश्र की खंडपीठ ने राशिद व अन्य की अपील पर दिया है. कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गत 18 मई को राज्य सरकार को वरीयता क्रम से कैदियों की दो सप्ताह में समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था.

इसके बावजूद अपीलार्थी रिहा नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समय पूर्व रिहाई पर कई बार आदेश दिए हैं और कहा है कि समय से अर्जी निस्तारित की जाए, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी से प्रदेश के जेल अधीक्षकों के माध्यम से कैदियों की समय पूर्व रिहाई की लंबित संख्या की जानकारी (Allahabad High Court on premature release of prisoners) पर हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश का पालन न होने पर दोनों अधिकारी 10 जनवरी को हाजिर हों. कोर्ट ने सीजेएम को निर्देश दिया है कि 19 अप्रैल 2022 को जमानत मंजूर होने के बावजूद कोई बेल बांड जमा करने वाला न मिलने के कारण जेल में बंद अपीलार्थी राशिद व अन्य की तत्काल रिहाई कराएं और रिपोर्ट पेश करें.

कोर्ट ने महानिबंधक को 24 घंटे के भीतर आदेश की प्रति दोनों अधिकारियों को भेजने का भी निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद सिंह सांगवान एवं न्यायमूर्ति आरएमएन मिश्र की खंडपीठ ने राशिद व अन्य की अपील पर दिया है. कैदियों की समय पूर्व रिहाई पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने गत 18 मई को राज्य सरकार को वरीयता क्रम से कैदियों की दो सप्ताह में समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था.

इसके बावजूद अपीलार्थी रिहा नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समय पूर्व रिहाई पर कई बार आदेश दिए हैं और कहा है कि समय से अर्जी निस्तारित की जाए, जिसका पालन नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- यूपी में शराब के दाम हो रहे कम, जानें नई आबकारी नीति से कितनी घटेगी कीमत

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी 30 दिसंबर को आएंगे अयोध्या, एयरपोर्ट से शुरू कराएंगे फ्लाइट, वंदे भारत ट्रेन भी चलाएंगे

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.