प्रयागराज: असलहा न जमा करने और गजल होटल के मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया. गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने असलहा न जमा करने और गजल होटल प्रकरण में बाहुबली मुख्तार अंसारी व उसके बेटे अब्बास अंसारी के मामले में फैसला (Allahabad High Court on Mukhtar Ansari and Abbas Ansari Plea) सुरक्षित कर लिया है.
यह आदेश जस्टिस राजबीर सिंह ने दिया है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ राज्य सरकार ने असलहा ने जमा न करने का केस गाजीपुर की बजाय वाराणसी में चलाने की मांग की है. क्योंकि असलहे का लाइसेंस वाराणसी से ही जारी हुआ था. वाराणसी जिला प्रशासन ने लाइसेंस निरस्त कर दिया था. बावजूद इसके मुख्तार ने असलहा खजाने में जमा नहीं किया.
मुख्तार अंसारी की ओर से कहा गया कि यह मामला गाजीपुर की जिला अदालत में चल रहा है. अदालत को किसी तरह की शिकायत नहीं है. केस वाराणसी स्थानांतरण करने का कोई औचित्य नहीं है. मुकदमा 2020 में गाजीपुर में ही दर्ज हुआ है. इसलिए मुकदमा वहीं चलाया जाना चाहिए. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया.
इसी तरह गजल होटल प्रकरण में अब्बास अंसारी पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर होटल बनाने का आरोप लगाया गया है. अब्बास की ओर से कहा गया कि जमीन लेकर जब होटल बनाया गया था, तब वह 13 साल का था. उसकी मां ने उसके नाम जमीन खरीदकर होटल बनवाया. इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है. कोर्ट ने इस मामले में भी अपना फैसला सुरक्षित कर लिया.