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इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में हड़ताल पर

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए शिक्षा सेवा अधिकरण का विरोध शुरू कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से 9 मार्च को प्रयागराज बंद करने का एलान किया गया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील
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Published : Mar 1, 2021, 3:21 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए शिक्षा सेवा अधिकरण का विरोध तेज कर दिया है. सोमवार को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने जनसभा कर सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से 9 मार्च को प्रयागराज बंद करने का एलान किया है. वकीलों के इस आंदोलन का दूसरे संगठन भी समर्थन कर रहे हैं.

9 मार्च को प्रयागराज बंद करेंगे अधिवक्ता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सेवा अधिकरण बिल पास किए जाने के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. अब इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में वकीलों ने हाईकोर्ट में पहले से ही हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को इसी कड़ी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर सड़क पर वकीलों ने जनसभा की. इस जनसभा के दौरान मंच से जानकरी दी गयी कि 9 मार्च मंगलवार को प्रयागराज बंद किया जाएगा. वकीलों ने इस बंद को सफल बनाने के लिए दूसरे संगठनों से भी सहयोग मांगा है.

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि सरकार अधिवक्ता समाज का अहित करना चाह रही है, इसीलिए सरकार ने न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने की जगह शिक्षा सेवा न्यायाधिकरण अधिनियम पास कर दिया. जिससे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़े वकीलों का सीधा नुकसान होगा. अध्यक्ष ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग से जुड़े लंबित मामलों के निपटारे के लिए नए कोर्ट बनाकर जजों की नियुक्ति कर दे तो भी ये मामले जल्द ही निपट सकते हैं, लेकिन सरकार न्याय पालिका से छीनकर अधिकरण के जरिए नौकरशाही को सौंपने की तैयारी में है, जिसका वकील पुरजोर विरोध करेंगे. उनका आरोप है कि यूपी सरकार इस बिल के जरिए अधिवक्ता समाज को नुकसान पहुंचाना चाहती है. इसी कारण प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा अधिकरण का गठन किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से कम हो जाएंगे पौने तीन लाख से ज्यादा केस
इलाहबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का साफ कहना है कि इस अधिकरण के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से पौने तीन लाख से ज्यादा केस चले जायेंगे, जिसका सीधा खामियाजा हाईकोर्ट के वकीलों को भुगतना पड़ेगा. यही नहीं पौने तीन लाख मुकदमे कम होने के साथ ही भविष्य में शिक्षा से जुड़े मुकदमे हाईकोर्ट में दाखिल भी नहीं होंगे, जिसका नुकसान सिर्फ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले आम वकीलों को होगा.

अपनी छुट्टी रद्द कर मंगलवार को हाईकार्ट पहुंचेंगे चीफ जस्टिस गोविंद माथुर
इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर छुट्टी पर गए हुए थे, लेकिन जब उनको जानकारी मिली कि शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कामकाज बंद कर हड़ताल कर दी है, तो उन्होंने अपनी छुट्टी बीच में ही कैंसिल कर दी. मंगलवार को वह इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचेंगे और हड़ताल पर गए वकीलों और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए शिक्षा सेवा अधिकरण का विरोध तेज कर दिया है. सोमवार को पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने जनसभा कर सरकार से अपना फैसला वापस लेने की मांग की है. इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से 9 मार्च को प्रयागराज बंद करने का एलान किया है. वकीलों के इस आंदोलन का दूसरे संगठन भी समर्थन कर रहे हैं.

9 मार्च को प्रयागराज बंद करेंगे अधिवक्ता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा सेवा अधिकरण बिल पास किए जाने के बाद से ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. अब इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना चुके हैं. शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में वकीलों ने हाईकोर्ट में पहले से ही हड़ताल शुरू कर दी है. सोमवार को इसी कड़ी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाहर सड़क पर वकीलों ने जनसभा की. इस जनसभा के दौरान मंच से जानकरी दी गयी कि 9 मार्च मंगलवार को प्रयागराज बंद किया जाएगा. वकीलों ने इस बंद को सफल बनाने के लिए दूसरे संगठनों से भी सहयोग मांगा है.

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का कहना है कि सरकार अधिवक्ता समाज का अहित करना चाह रही है, इसीलिए सरकार ने न्याय व्यवस्था को मजबूत बनाने की जगह शिक्षा सेवा न्यायाधिकरण अधिनियम पास कर दिया. जिससे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़े वकीलों का सीधा नुकसान होगा. अध्यक्ष ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग से जुड़े लंबित मामलों के निपटारे के लिए नए कोर्ट बनाकर जजों की नियुक्ति कर दे तो भी ये मामले जल्द ही निपट सकते हैं, लेकिन सरकार न्याय पालिका से छीनकर अधिकरण के जरिए नौकरशाही को सौंपने की तैयारी में है, जिसका वकील पुरजोर विरोध करेंगे. उनका आरोप है कि यूपी सरकार इस बिल के जरिए अधिवक्ता समाज को नुकसान पहुंचाना चाहती है. इसी कारण प्रदेश सरकार ने शिक्षा सेवा अधिकरण का गठन किया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट से कम हो जाएंगे पौने तीन लाख से ज्यादा केस
इलाहबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह का साफ कहना है कि इस अधिकरण के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से पौने तीन लाख से ज्यादा केस चले जायेंगे, जिसका सीधा खामियाजा हाईकोर्ट के वकीलों को भुगतना पड़ेगा. यही नहीं पौने तीन लाख मुकदमे कम होने के साथ ही भविष्य में शिक्षा से जुड़े मुकदमे हाईकोर्ट में दाखिल भी नहीं होंगे, जिसका नुकसान सिर्फ हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले आम वकीलों को होगा.

अपनी छुट्टी रद्द कर मंगलवार को हाईकार्ट पहुंचेंगे चीफ जस्टिस गोविंद माथुर
इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर छुट्टी पर गए हुए थे, लेकिन जब उनको जानकारी मिली कि शिक्षा सेवा अधिकरण के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कामकाज बंद कर हड़ताल कर दी है, तो उन्होंने अपनी छुट्टी बीच में ही कैंसिल कर दी. मंगलवार को वह इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचेंगे और हड़ताल पर गए वकीलों और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे.

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