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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड पर लगाया दस हजार रुपये का जुर्माना, दिए सख्त आदेश

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Published : Jul 29, 2019, 8:01 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिपाही भर्ती परीक्षा 2015 में मनमानी करने पर पुलिस भर्ती बोर्ड पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने आदित्य यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया. कोर्ट ने कहा कि सफल होने के बाद भी नियुक्ति न देकर बार बार कोर्ट में दौड़ाना गलत है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड की मनमानी पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही 6 हफ्ते में याची की ओबीसी श्रेणी में कांस्टेबल पद पर नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थी को बार-बार कोर्ट आने को मजबूर किया गया और जल्दबाजी में अवमानना से बचने के लिए याची का दावा निरस्त कर दिया गया.

कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश-

  • कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि मनमाना आदेश देने के लिए जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से वसूल किया जाय.
  • यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आदित्य यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
  • सिपाही भर्ती-2015 में याची को अंतिम चयनित से अधिक अंक पाने और समय के भीतर प्रमाणपत्र देने के बावजूद ओबीसी कोटे में चयनित नहीं किया गया.
  • याची आदित्य कुमार ने मजबूर होकर हाईकोर्ट की शरण ली.
  • कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को निर्णय लेने का आदेश दिया.
  • आदेश का पालन नहीं हुआ तो अवमानना याचिका दाखिल हुई.
  • अपर सचिव पुलिस भर्ती बोर्ड ने याची की मांग बिना विचार किए खारिज करते हुए पिछले आदेश को ही दोहरा दिया.
  • कोर्ट ने कहा कि सफल होने के बाद भी नियुक्ति न देकर बार बार कोर्ट में दौड़ाना गलत है.
  • कोर्ट ने हर्जाना लगाते हुए पुनर्विचार का आदेश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड की मनमानी पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. साथ ही 6 हफ्ते में याची की ओबीसी श्रेणी में कांस्टेबल पद पर नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थी को बार-बार कोर्ट आने को मजबूर किया गया और जल्दबाजी में अवमानना से बचने के लिए याची का दावा निरस्त कर दिया गया.

कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश-

  • कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि मनमाना आदेश देने के लिए जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से वसूल किया जाय.
  • यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आदित्य यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
  • सिपाही भर्ती-2015 में याची को अंतिम चयनित से अधिक अंक पाने और समय के भीतर प्रमाणपत्र देने के बावजूद ओबीसी कोटे में चयनित नहीं किया गया.
  • याची आदित्य कुमार ने मजबूर होकर हाईकोर्ट की शरण ली.
  • कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को निर्णय लेने का आदेश दिया.
  • आदेश का पालन नहीं हुआ तो अवमानना याचिका दाखिल हुई.
  • अपर सचिव पुलिस भर्ती बोर्ड ने याची की मांग बिना विचार किए खारिज करते हुए पिछले आदेश को ही दोहरा दिया.
  • कोर्ट ने कहा कि सफल होने के बाद भी नियुक्ति न देकर बार बार कोर्ट में दौड़ाना गलत है.
  • कोर्ट ने हर्जाना लगाते हुए पुनर्विचार का आदेश दिया है.
प्रयागराज29 जुलाई
इलाहाबाद 
हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड की मनमानी  पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।और 6 हफ्ते में याची की ओ बी सी श्रेणी में कांस्टेबल पद पर नियुक्ति पर विचार कर निर्णय लेने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थी को बार-बार कोर्ट आने को मजबूर किया गया और बिना विवेक का इस्तेमाल किये जल्दबाजी में अवमानना से बचने के लिए याची का दावा निरस्त कर दिया गया।
कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि मनमाना आदेश देने के लिए  जिम्मेदार अधिकारी के वेतन से वसूल किया जाय। 
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आदित्य यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

सिपाही भर्ती-2015 
में  याची कोअंतिम चयनित से अधिक अंक पाने व् समय के भीतर प्रमाणपत्र देने के बावजूद ओ बी सी कोटे में  चयनित नही किया गया।उसने हाई कोर्ट की शरण ली।कोर्ट ने भर्ती बोर्ड को निर्णय लेने का आदेश दिया।आदेश का पालन नही हुआ तो अवमानना याचिका दाखिल हुई।
अपर सचिव पुलिस भर्ती बोर्ड ने याची की मांग बिना विचार किये ख़ारिज कर दी।पिछले आदेश को ही दोहरा दिया।कोर्ट ने कहा कि सफल होने के बाद भी नियुक्ति न देकर बार बार कोर्ट में दौड़ाना गलत है।कोर्ट ने हर्जाना लगाते हुए पुनर्विचार का आदेश दिया है।
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