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ऐसी जांच न करें कि ईडी से लोगों का भरोसा उठ जाए, एजेंसियो कि जांच से हाईकोर्ट नाखुश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 66 हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने वाली रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी (Real Estate Company Shine City ) कि जांच कर रही एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate ), आर्थिक अपराध शाखा और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (Serious Fraud Investigation Agency) के निदेशकों को अगली सुनवाई पर तलब कर लिया है.

एजेंसियो कि जांच से हाईकोर्ट नाखुश
एजेंसियो कि जांच से हाईकोर्ट नाखुश
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Published : Oct 17, 2022, 10:03 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 66 हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने वाली रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी (Real Estate Company Shine City ) कि जांच कर रही एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate ), आर्थिक अपराध शाखा और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (Serious Fraud Investigation Agency) के निदेशकों को अगली सुनवाई पर तलब कर लिया है. कोर्ट ने मामले कि जांच कर रही एजेंसियों के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है. उसने कहा कि ऐसे काम ना करें जिससे की ईडी(ED) जैसी एजेंसी से लोगों का भरोसा उठ जाए. कोर्ट ने सीएमडी राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कार्यवाही अभी तक ना होने पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि क्यों अभी तक नहीं पता है कि कंपनी के कितने बैंक अकाउंट हैं. कितने सीज किए गए हैं. उनमें कितनी रकम है. इससे पूर्व कोर्ट ने राशिद नसीम और भगोड़े मेहुल चौकसी की कारोबारी रिश्ते को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का जिम्मा स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (Special Fraud Investigation Agency) को सौंप दिया था. इसके साथ ही एसएफआईए से 15 दिन में शुरुआती जांच कर 17 अक्तूबर को प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मामले कि सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर कि खंडपीठ कर रही है. कोर्ट ने पूछा कि एक निदेशक ने जेल में बंद रहते हुए पावर ऑफ एटॉर्नी दूसरे को कैसे दे दी. उसके आधार पर रजिस्ट्रेशन भी किया गया. रजिस्ट्रेशन करने वालों और जेल अधिकारियो पर क्या कार्रवाई कि गई.

अदालत में सरकार का पक्ष रख रहे केंद्र सरकार के प्रसादी पैटर्न जनरल शशि प्रकाश सिंह,पर महाधिवक्ता मनीष गोयल और एजीए अली मुर्तजा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में अब तक 450 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. कोर्ट ने पूछा कि कंपनी के कुल कितने बैंक खाते हैं. इसके जवाब में बताया गया कि कुल 121 खातों की जानकारी मिली है.

कंपनी के वकीलों का कहना था कि निदेशक सभी मामले तय करने और निवेशकों का पैसा लौटाने को तैयार है. कंपनी के पास प्लॉट भी है जो लोग प्लाट लेना चाहते हैं उनको प्लाट दिया जाएगा और जो पैसा वापस लेना चाहते हैं. उनको पैसा दिया जाएगा. मगर समस्या यह है कि हमारे बैंक खातों को सीज कर दिया गया है जिसकी वजह से हम कोई भी लेनदेन कर पाने में असमर्थ हैं. कोर्ट का कहना था कि अगर आप इतने ही साफ-सुथरे हैं तो दुबई क्यों भागे.

इससे पूर्व कोर्ट ने शाइन सिटी कंपनी के सभी बैंक खातों के संचालन कंपनी व उससे जुड़े लोगों द्वारा की जाने वाली जमीन की रजिस्ट्री और बिहार समेत दूसरे राज्यों में चलाए जा रहे अन्य ऑपरेशन पर भी अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी. इसके साथ ही इस आदेश पर सख्ती से अमल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि निवेशकों के पैसे सुरक्षित करने के लिए इस तरह की रोक बेहद जरूरी है. जब तक मामले का निस्तारण नहीं हो जाता और देनदारियां पूरी नहीं हो जाती, तब तक रोक जारी रहेगी.

उल्लेखनीय है कि लखनऊ जेल में बंद राशिद नसीम के भाई और शाइन सिटी के डायरेक्टर आसिफ नसीम ने फरार आरोपी श्याम लाल को पावर ऑफ अटॉर्नी देकर अपना ऑथराइज्ड सिग्नेचरी बना दिया था. वह तमाम लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कर रहा था. कोर्ट ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. ऑथराइज्ड सिग्नेटरी श्याम लाल के काम करने पर भी रोक लगा दी. साथ ही इस मामले में नाराजगी जताते हुए लखनऊ जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने पूछा कि जेल में बंद आसिफ नसीम ने कैसे अपनी पावर ऑफ एटार्नी दूसरे को ट्रांसफर कर दी.

पूर्व कि सुनवाई में निवेशकों के अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने राशिद नसीम व मेहुल चोकसी के कारोबारी रिश्ते से जुड़े कागजात पेश किए थे.उन्होंने राशिद नसीम व मेहुल चौकसी के एकसाथ लंदन से लेकर दुबई तक कारोबार करने का दावा करते हुए कहा कि दोनों कंपनियां एक दूसरे के लिए काम कर रही हैं.

अधिवक्ता ने कहा मिल रही है धमकियां
सुनवाई के दौरान निवेशकों के अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने राशिद नसीम द्वारा दुबई से फोन कर धमकी दिए जाने की शिकायत की. कोर्ट ने कहा कि अगर वह सुरक्षा लेना चाहते हैं तो संबंधित अधिकारी उस पर उचित निर्णय लें. अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव का कहना है कि 28 सितंबर को सुनवाई के बाद राशिद नसीम ने दुबई से ऑडियो कॉल करके उन्हें धमकी दी थी. उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई बार उन्हें धमका चुका है.

यह है मामला
राशिद नसीम की कंपनी शाइन सिटी पर 66 हजार करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.आरोप है कि राशिद नसीम व उसकी कंपनी शाइन सिटी ने तीन लाख से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. कंपनी के खिलाफ देशभर में तीन हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं. अकेले लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 411 मुकदमे दर्ज हैं. तकरीबन तीन दर्जन पीड़ितों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका की है. हाईकोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई कर रहा है.

यह भी पढ़ें- होटल लेवाना अग्निकांड, मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 66 हजार करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने वाली रियल स्टेट कंपनी शाइन सिटी (Real Estate Company Shine City ) कि जांच कर रही एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate ), आर्थिक अपराध शाखा और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (Serious Fraud Investigation Agency) के निदेशकों को अगली सुनवाई पर तलब कर लिया है. कोर्ट ने मामले कि जांच कर रही एजेंसियों के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है. उसने कहा कि ऐसे काम ना करें जिससे की ईडी(ED) जैसी एजेंसी से लोगों का भरोसा उठ जाए. कोर्ट ने सीएमडी राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कार्यवाही अभी तक ना होने पर नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि क्यों अभी तक नहीं पता है कि कंपनी के कितने बैंक अकाउंट हैं. कितने सीज किए गए हैं. उनमें कितनी रकम है. इससे पूर्व कोर्ट ने राशिद नसीम और भगोड़े मेहुल चौकसी की कारोबारी रिश्ते को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का जिम्मा स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (Special Fraud Investigation Agency) को सौंप दिया था. इसके साथ ही एसएफआईए से 15 दिन में शुरुआती जांच कर 17 अक्तूबर को प्रारंभिक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

मामले कि सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर कि खंडपीठ कर रही है. कोर्ट ने पूछा कि एक निदेशक ने जेल में बंद रहते हुए पावर ऑफ एटॉर्नी दूसरे को कैसे दे दी. उसके आधार पर रजिस्ट्रेशन भी किया गया. रजिस्ट्रेशन करने वालों और जेल अधिकारियो पर क्या कार्रवाई कि गई.

अदालत में सरकार का पक्ष रख रहे केंद्र सरकार के प्रसादी पैटर्न जनरल शशि प्रकाश सिंह,पर महाधिवक्ता मनीष गोयल और एजीए अली मुर्तजा ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में अब तक 450 से अधिक प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है. कोर्ट ने पूछा कि कंपनी के कुल कितने बैंक खाते हैं. इसके जवाब में बताया गया कि कुल 121 खातों की जानकारी मिली है.

कंपनी के वकीलों का कहना था कि निदेशक सभी मामले तय करने और निवेशकों का पैसा लौटाने को तैयार है. कंपनी के पास प्लॉट भी है जो लोग प्लाट लेना चाहते हैं उनको प्लाट दिया जाएगा और जो पैसा वापस लेना चाहते हैं. उनको पैसा दिया जाएगा. मगर समस्या यह है कि हमारे बैंक खातों को सीज कर दिया गया है जिसकी वजह से हम कोई भी लेनदेन कर पाने में असमर्थ हैं. कोर्ट का कहना था कि अगर आप इतने ही साफ-सुथरे हैं तो दुबई क्यों भागे.

इससे पूर्व कोर्ट ने शाइन सिटी कंपनी के सभी बैंक खातों के संचालन कंपनी व उससे जुड़े लोगों द्वारा की जाने वाली जमीन की रजिस्ट्री और बिहार समेत दूसरे राज्यों में चलाए जा रहे अन्य ऑपरेशन पर भी अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी थी. इसके साथ ही इस आदेश पर सख्ती से अमल करने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि निवेशकों के पैसे सुरक्षित करने के लिए इस तरह की रोक बेहद जरूरी है. जब तक मामले का निस्तारण नहीं हो जाता और देनदारियां पूरी नहीं हो जाती, तब तक रोक जारी रहेगी.

उल्लेखनीय है कि लखनऊ जेल में बंद राशिद नसीम के भाई और शाइन सिटी के डायरेक्टर आसिफ नसीम ने फरार आरोपी श्याम लाल को पावर ऑफ अटॉर्नी देकर अपना ऑथराइज्ड सिग्नेचरी बना दिया था. वह तमाम लोगों को जमीन की रजिस्ट्री कर रहा था. कोर्ट ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. ऑथराइज्ड सिग्नेटरी श्याम लाल के काम करने पर भी रोक लगा दी. साथ ही इस मामले में नाराजगी जताते हुए लखनऊ जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने पूछा कि जेल में बंद आसिफ नसीम ने कैसे अपनी पावर ऑफ एटार्नी दूसरे को ट्रांसफर कर दी.

पूर्व कि सुनवाई में निवेशकों के अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने राशिद नसीम व मेहुल चोकसी के कारोबारी रिश्ते से जुड़े कागजात पेश किए थे.उन्होंने राशिद नसीम व मेहुल चौकसी के एकसाथ लंदन से लेकर दुबई तक कारोबार करने का दावा करते हुए कहा कि दोनों कंपनियां एक दूसरे के लिए काम कर रही हैं.

अधिवक्ता ने कहा मिल रही है धमकियां
सुनवाई के दौरान निवेशकों के अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने राशिद नसीम द्वारा दुबई से फोन कर धमकी दिए जाने की शिकायत की. कोर्ट ने कहा कि अगर वह सुरक्षा लेना चाहते हैं तो संबंधित अधिकारी उस पर उचित निर्णय लें. अधिवक्ता सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव का कहना है कि 28 सितंबर को सुनवाई के बाद राशिद नसीम ने दुबई से ऑडियो कॉल करके उन्हें धमकी दी थी. उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई बार उन्हें धमका चुका है.

यह है मामला
राशिद नसीम की कंपनी शाइन सिटी पर 66 हजार करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है.आरोप है कि राशिद नसीम व उसकी कंपनी शाइन सिटी ने तीन लाख से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. कंपनी के खिलाफ देशभर में तीन हजार से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं. अकेले लखनऊ के गोमतीनगर थाने में 411 मुकदमे दर्ज हैं. तकरीबन तीन दर्जन पीड़ितों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका की है. हाईकोर्ट इन सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई कर रहा है.

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