प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैनपुरी छात्रा से रेप और हत्या मामले में नवोदय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के आचरण और पुलिस की कार्रवाई को कटघरे में खड़ा किया है. प्रधानाध्यापिका पर संदेह की जांच कर रही एसआईटी ने ठोई ठोस कदम नहीं उठाए. आखिर सबूत अभी तक क्यों दबाये रखा. इन्हीं पत्रों के आधार पर पुलिस पीड़ित की मां, मामा, नाना से पूछताछ कर रही है.
कोर्ट ने पीड़ित की मां की तरफ से सीबीआई जांच की मांग में विचाराधीन याचिका में पंचनामा के समय दाखिल फोटोग्राफ में हाथ पर चोट के निशान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र न होने से रंगीन फोटो सहित अन्य जो भी साक्ष्य हो दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने पालीग्राफ टेस्ट के बारे में स्पष्ट कहा कि इसका फैसला पीड़ित की मां का धारा 164 का बयान दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट करेंगे. याचिका की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी. महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ कर रही है.
एसआईटी की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई. राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि हैदराबाद से 177 लोगों को डीएनए जांच में किसी का भी डीएनए मैच नहीं कर रहा. जिसमें नेता के बेटे की जांच शामिल है.
एसआईटी मां, मामा सहित 19 संदिग्धों से पूछताछ कर बयान दर्ज किये हैं. मां पूछताछ के समय बेहोश हो रही है. सहयोग नहीं कर रही है. अभी तक संकेत मिले हैं कि पीड़ित की मां, मामा और नाना का दबाव था. जिसके चलते छात्रा ने खुदकुशी की. किसी से संबंध रहा होगा. परिवार को पता रहा होगा. नवोदय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने कुछ पत्र दिये हैं. जिसपर पूछताछ की जा रही है. मां नार्को टेस्ट के लिए तैयार नहीं है. कोर्ट ने कई बार कहा कि प्रधानाध्यापिका के आचरण पर संदेह है. वह प्राइम सस्पेक्ट है.
याची ने कहा कि अस्पताल की ओपीडी रिपोर्ट में कहा गया है कि छात्रा की लाश अस्पताल में लाई गई थी. जब कि पुलिस कह रही अस्पताल में मौत हुई है. नामजद आरोपियों से पूछताछ नहीं कर पुलिस जिसकी बेटी की मौत हुई है, उसी से ही पूछताछ कर परेशान कर रही है.
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न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अमरनाथ सिंह ने कहा कि छात्रा के कपड़ों पर सीमेन मिला है. वह प्रधानाध्यापिका की सुरक्षा में हास्टल में थी. पुलिस भी घटना से बेखबर नहीं है. अपराधियों का पता लगाने में कोताही बरत रही है. याची ने कहा प्रधानाध्यापिका से पूछताछ नहीं की गई है. मां से घंटों पूछताछ होती है. पालीग्राफ टेस्ट करना है, तो मां के साथ प्रधानाध्यापिका का भी किया जाय. मां पर पुलिस दबाव डाल रही कि लिख दो बेटी ने खुदकुशी की है. वार्डेन से भी पूछताछ की जानी चाहिए. कहा जा रहा है कि लाश गंगा में बहा दी गई. पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय आत्महत्या केस साबित करने में जुटी है. दुराचारी का पता नहीं लगा सकी है. निष्पक्ष जांच एजेंसी को जांच सौंपी जानी चाहिए.