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एनआईओएस से डीएलएड वाले को सहायक अध्यापक भर्ती में नियुक्ति के निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद को निर्देश दिया है कि एनआईओएस से डीएलएड में डिप्लोमा धारक याची को 6 हफ्ते में नियुक्ति आदेश जारी करें. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दीपक कुमार शुक्ल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 23, 2021, 7:49 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद को निर्देश दिया है कि एनआईओएस से डीएलएड में डिप्लोमा धारक याची को 6 हफ्ते में नियुक्ति आदेश जारी करें. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दीपक कुमार शुक्ल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की.

इनका कहना था कि याची सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हुआ. एनआईओएस से प्रशिक्षण डिप्लोमा धारक होने के कारण नियुक्ति नहीं दी जा रही है. एनसीईटी के अधिवक्ता ने कहा कि एनआईओएस के डीएलएड डिप्लोमा धारक को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मान्यता दी गई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति न देने का औचित्य नहीं है.

केन्द्रीय सुरक्षा बलों की भर्ती को चुनौती, केन्द्र सरकार से जवाब-तलब

वहीं दूसरे तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग की 2018 की अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती में खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके साथ ही चयनित विपक्षी अभ्यर्थियों को नोटिस जारी की है. याचिका की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बद्रीनाथ निषाद व 11 अन्य की याचिका पर दिया है.

इसे भी पढ़ें- बांग्लादेश में मंदिर पर हमले के खिलाफ सड़कों पर उतरे इस्कॉन भक्त

इस मामले की याचिका पर अधिवक्ता पवन यादव ने बहस की. इनका कहना था कि चयन प्रक्रिया में नियमों को शिथिल कर गड़बड़ी की गई है. पद खाली होने के बावजूद योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है. आयोग ने 58373 अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती निकाली. अभी भी चार हजार पद भरे नहीं गये हैं. तमाम अभ्यर्थियों की सफलता के बाद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद को निर्देश दिया है कि एनआईओएस से डीएलएड में डिप्लोमा धारक याची को 6 हफ्ते में नियुक्ति आदेश जारी करें. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने दीपक कुमार शुक्ल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता राघवेन्द्र प्रसाद मिश्र ने बहस की.

इनका कहना था कि याची सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित हुआ. एनआईओएस से प्रशिक्षण डिप्लोमा धारक होने के कारण नियुक्ति नहीं दी जा रही है. एनसीईटी के अधिवक्ता ने कहा कि एनआईओएस के डीएलएड डिप्लोमा धारक को सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की मान्यता दी गई है. इस पर कोर्ट ने कहा कि नियुक्ति न देने का औचित्य नहीं है.

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वहीं दूसरे तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय कर्मचारी चयन आयोग की 2018 की अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती में खाली पदों को भरने की मांग में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके साथ ही चयनित विपक्षी अभ्यर्थियों को नोटिस जारी की है. याचिका की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने बद्रीनाथ निषाद व 11 अन्य की याचिका पर दिया है.

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इस मामले की याचिका पर अधिवक्ता पवन यादव ने बहस की. इनका कहना था कि चयन प्रक्रिया में नियमों को शिथिल कर गड़बड़ी की गई है. पद खाली होने के बावजूद योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है. आयोग ने 58373 अर्द्ध सैनिक बलों की भर्ती निकाली. अभी भी चार हजार पद भरे नहीं गये हैं. तमाम अभ्यर्थियों की सफलता के बाद भी नियुक्ति नहीं की जा रही है.

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