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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ में दर्ज देशद्रोह मामले में शरजील इमाम को दी जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ अलीगढ़ में दर्ज देशद्रोह के मामले में आज जमानत दे दी. शरजील को एएमयू में देश विरोधी भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

शरजील इमाम
शरजील इमाम
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Published : Nov 28, 2021, 9:47 AM IST

Updated : Nov 28, 2021, 10:06 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 16 जनवरी, 2020 को परिसर में आयोजित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए एक भाषण के लिए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में आज शरजील इमाम को जमानत दे दी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने जमानत दी.

पिछले महीने, दिल्ली की एक अदालत ने इमाम को उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में उनके दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए भाषण के संबंध में जमानत देने से इनकार कर दिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा कि 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में इमाम द्वारा दिया गया भाषण स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर था और समाज में शांति और सद्भाव को प्रभावित कर सकता है.

कोर्ट ने कहा, "13.12.2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर है। मेरे दृष्टीकोण से, आग लगाने वाले भाषण के स्वर और स्वर का सार्वजनिक शांति, समाज की शांति पर दुर्बल करने वाला प्रभाव पड़ता है."

शरजील इमाम के खिलाफ अलीगढ़ में देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर‌ दर्ज कराई गई थी. शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के काको गांव का रहने वाला है. शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है. 2013 में जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की.

यह भी पढ़ें: 6 दिसंबर तक मथुरा में धारा 144, श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से जुड़ा है मामला

शरजील इमाम ने एएमयू अलीगढ़ में 16 जनवरी 2020 को एक भड़काऊ भाषण दिया था. इसके बाद थाना सिविल लाइन में उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था. शरजील को दिल्ली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में बंद किया था.

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प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 16 जनवरी, 2020 को परिसर में आयोजित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दिए गए एक भाषण के लिए उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में आज शरजील इमाम को जमानत दे दी. इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह ने जमानत दी.

पिछले महीने, दिल्ली की एक अदालत ने इमाम को उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में उनके दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए भाषण के संबंध में जमानत देने से इनकार कर दिया था.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल ने कहा कि 13 दिसंबर, 2019 को जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय में इमाम द्वारा दिया गया भाषण स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर था और समाज में शांति और सद्भाव को प्रभावित कर सकता है.

कोर्ट ने कहा, "13.12.2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर है। मेरे दृष्टीकोण से, आग लगाने वाले भाषण के स्वर और स्वर का सार्वजनिक शांति, समाज की शांति पर दुर्बल करने वाला प्रभाव पड़ता है."

शरजील इमाम के खिलाफ अलीगढ़ में देशद्रोह की धाराओं में एफआईआर‌ दर्ज कराई गई थी. शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के काको गांव का रहने वाला है. शरजील इमाम ने आईआईटी बॉम्बे से बीटेक और एमटेक किया है. 2013 में जेएनयू में आधुनिक इतिहास में पीजी की डिग्री पूरी की.

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शरजील इमाम ने एएमयू अलीगढ़ में 16 जनवरी 2020 को एक भड़काऊ भाषण दिया था. इसके बाद थाना सिविल लाइन में उसके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया था. शरजील को दिल्ली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में बंद किया था.

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Last Updated : Nov 28, 2021, 10:06 AM IST
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