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हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी के आरोपी को दी सशर्त जमानत - हाईकोर्ट ने आरोपी को दी जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोपी तिलखांड कानपुर नगर के विवेक तिवारी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. उन्हें व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया गया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jul 31, 2021, 4:09 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोपी तिलखांड कानपुर नगर के विवेक तिवारी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. उन्हें व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अली जामिन ने दिया. अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की.

मालूम हो कि मेसर्स बायोमास रिसर्च एंड टेक्निकल सोल्यूशन प्रा. लि. कंपनी के प्रोपराइटर सुमित अवस्थी व रामवती अवस्थी ने इसी नाम से फर्म खोली और कंपनी का पैसा हजम कर गए. सुमित अवस्थी के खिलाफ 34 और रामवती अवस्थी के खिलाफ 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं. एक केस के अलावा सभी में जमानत पर रिहा हैं. इस केस में सुमित, रामवती और ॠषिनाथ अवस्थी की जमानत हो चुकी है. याची सुमित का साला है. वह 19 जुलाई 2016 से जेल में बंद है.

पढ़ें: गायत्री प्रजापति को राहत : धोखाधड़ी के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने की जमानत मंजूर

याची अधिवक्ता का कहना था कि सह अभियुक्तों को जमानत मिली है, इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए. सरकारी वकील का कहना था कि याची पर हत्या का भी केस है. इसके खिलाफ 21 केस दर्ज हैं, इसलिए अर्जी खारिज की जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लंबे समय से जेल की अवधि को देखते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोपी तिलखांड कानपुर नगर के विवेक तिवारी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. उन्हें व्यक्तिगत मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अली जामिन ने दिया. अर्जी पर अधिवक्ता अश्वनी कुमार ओझा ने बहस की.

मालूम हो कि मेसर्स बायोमास रिसर्च एंड टेक्निकल सोल्यूशन प्रा. लि. कंपनी के प्रोपराइटर सुमित अवस्थी व रामवती अवस्थी ने इसी नाम से फर्म खोली और कंपनी का पैसा हजम कर गए. सुमित अवस्थी के खिलाफ 34 और रामवती अवस्थी के खिलाफ 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं. एक केस के अलावा सभी में जमानत पर रिहा हैं. इस केस में सुमित, रामवती और ॠषिनाथ अवस्थी की जमानत हो चुकी है. याची सुमित का साला है. वह 19 जुलाई 2016 से जेल में बंद है.

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याची अधिवक्ता का कहना था कि सह अभियुक्तों को जमानत मिली है, इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए. सरकारी वकील का कहना था कि याची पर हत्या का भी केस है. इसके खिलाफ 21 केस दर्ज हैं, इसलिए अर्जी खारिज की जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने लंबे समय से जेल की अवधि को देखते हुए सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.

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