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69000 शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट ने रोल नंबर की गलती सुधारने की दी छूट - प्रयागराज समाचार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ओबीसी वर्ग की एक अभ्यर्थी को राहत दी है. कोर्ट ने उसे अनुक्रमांक की गलती को सुधारने की छूट दी है.

allahabad high court
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी है
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Published : Jun 6, 2020, 3:39 AM IST

Updated : Jun 6, 2020, 8:47 AM IST

प्रयागराज: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने विवादित प्रश्नों को लेकर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ओबीसी वर्ग की अभ्यर्थी को राहत दी है. अनुक्रमांक की त्रुटि सुधारने की छूट दी है. कोर्ट ने कहा है कि याची काउं‌सलिंग के समय कमेटी को अपना प्रत्यावेदन दे और कमेटी उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर उचित ‌निर्णय ले. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने झांसी की पिंकी की याचिका पर दिया है.

याची पिंकी का कहना था कि वह सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल हुई है. उसे 150 में से 108 अंक मिले हैं. ऑनलाइन आवेदन भरते समय उसने अपना स्नातक का रोल नंबर गलत भर दिया. ऐसा मानवीय त्रुटि की वजह से हुआ है, जिसे सुधारने की अनुमति दी जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति 1981 की नियमावली के तहत हो रही है, जिसमें काउंसलिंग के लिए कमेटी गठित की जाती है. याची काउंसलिंग के दौरान संबंधित कमेटी को अपना प्रत्यावेदन दे सकती है.

हाईकोर्ट ने आशुतोष कुमार श्रीवास्तव और 60 अन्य की याचिकाएं मानवीय त्रुटि के आधार पर राहत देने से इनकार करते हुए खारिज कर दी थी. क्योंकि उसमें कुछ अभ्यर्थियों द्वारा की गई त्रुटियां मानवीय भूल नहीं पाई गई थी. बीएड के अंकों की गलती को भी सुधारने की मांग की गई थी. कोर्ट ने पाया था कि इसकी आड़ में अनुचित लाभ लिया जा सकता है.

प्रयागराज: 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती मामले में हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने विवादित प्रश्नों को लेकर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित ओबीसी वर्ग की अभ्यर्थी को राहत दी है. अनुक्रमांक की त्रुटि सुधारने की छूट दी है. कोर्ट ने कहा है कि याची काउं‌सलिंग के समय कमेटी को अपना प्रत्यावेदन दे और कमेटी उस पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर उचित ‌निर्णय ले. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने झांसी की पिंकी की याचिका पर दिया है.

याची पिंकी का कहना था कि वह सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल हुई है. उसे 150 में से 108 अंक मिले हैं. ऑनलाइन आवेदन भरते समय उसने अपना स्नातक का रोल नंबर गलत भर दिया. ऐसा मानवीय त्रुटि की वजह से हुआ है, जिसे सुधारने की अनुमति दी जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि सहायक अध्यापकों की नियुक्ति 1981 की नियमावली के तहत हो रही है, जिसमें काउंसलिंग के लिए कमेटी गठित की जाती है. याची काउंसलिंग के दौरान संबंधित कमेटी को अपना प्रत्यावेदन दे सकती है.

हाईकोर्ट ने आशुतोष कुमार श्रीवास्तव और 60 अन्य की याचिकाएं मानवीय त्रुटि के आधार पर राहत देने से इनकार करते हुए खारिज कर दी थी. क्योंकि उसमें कुछ अभ्यर्थियों द्वारा की गई त्रुटियां मानवीय भूल नहीं पाई गई थी. बीएड के अंकों की गलती को भी सुधारने की मांग की गई थी. कोर्ट ने पाया था कि इसकी आड़ में अनुचित लाभ लिया जा सकता है.

Last Updated : Jun 6, 2020, 8:47 AM IST
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