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राज्य विद्युत उत्पादन निगम चेयरमैन व 4 अफसरों को आदेश पालन का आखिरी मौका - न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम के चेयरमैन एम देवराज सहित चार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का आरोप तय करने से पहले उन्हें आदेश के पालन का अंतिम अवसर दिया है.

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Allahabad High Court
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Published : Dec 17, 2022, 11:06 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम के चेयरमैन एम देवराज सहित चार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का आरोप तय करने से पहले उन्हें आदेश के पालन का अंतिम अवसर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि इसके बाद भी आदेश का अक्षरश: पालन नहीं किया गया तो अवमानना आरोप तय किया जाएगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने थर्मल पॉवर निगम कासिमपुर अलीगढ़ के अधीक्षण अभियंता दिवंग विजेंद्र पाल की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि निगम कॉलेज का प्रबंधक होने के दौरान तीन खाली पदों के सापेक्ष सात सहायक अध्यापकों को लेक्चरर पद पर पदोन्नति देने की शिकायत पर विभागीय कार्रवाई की गई. इसमें दोषी ठहराते हुए उसे अधिशासी अभियंता के पद पर पदावनति दे दी गई, जिसे चुनौती दी गई.

कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया, साथ ही याची को स्टेटस और समस्त परिलाभों सहित बहाल करने का आदेश दिया. आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका की गई. नोटिस जारी होने के बाद प्रबंध निदेशक ने राजीव कुमार जौहरी की अधीक्षण अभियंता पद पर तैनाती कर दी. कोर्ट ने याची की स्थिति की जानकारी मांगी तो अतुल कुमार ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी लेकिन याची को कार्यमुक्त कर लखनऊ संबद्ध करने की जानकारी नहीं दी. कोर्ट ने याची की बहाली न कर दूसरे अधिकारी की अधीक्षण अभियंता के रूप में तैनाती को जानबूझकर न्यायालय अवहेलना माना. याचिका पर अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी.

ये भी पढ़ेंः कौशांबी में मां की हत्या करने वाले बेटे और पिता को आजीवन कारावास की सजा

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र राज्य विद्युत उत्पादन निगम के चेयरमैन एम देवराज सहित चार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का आरोप तय करने से पहले उन्हें आदेश के पालन का अंतिम अवसर दिया है. कोर्ट ने कहा कि यदि इसके बाद भी आदेश का अक्षरश: पालन नहीं किया गया तो अवमानना आरोप तय किया जाएगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने थर्मल पॉवर निगम कासिमपुर अलीगढ़ के अधीक्षण अभियंता दिवंग विजेंद्र पाल की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि निगम कॉलेज का प्रबंधक होने के दौरान तीन खाली पदों के सापेक्ष सात सहायक अध्यापकों को लेक्चरर पद पर पदोन्नति देने की शिकायत पर विभागीय कार्रवाई की गई. इसमें दोषी ठहराते हुए उसे अधिशासी अभियंता के पद पर पदावनति दे दी गई, जिसे चुनौती दी गई.

कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया, साथ ही याची को स्टेटस और समस्त परिलाभों सहित बहाल करने का आदेश दिया. आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका की गई. नोटिस जारी होने के बाद प्रबंध निदेशक ने राजीव कुमार जौहरी की अधीक्षण अभियंता पद पर तैनाती कर दी. कोर्ट ने याची की स्थिति की जानकारी मांगी तो अतुल कुमार ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह जानकारी दी लेकिन याची को कार्यमुक्त कर लखनऊ संबद्ध करने की जानकारी नहीं दी. कोर्ट ने याची की बहाली न कर दूसरे अधिकारी की अधीक्षण अभियंता के रूप में तैनाती को जानबूझकर न्यायालय अवहेलना माना. याचिका पर अगली सुनवाई दो जनवरी को होगी.

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