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नियमित हुए लापता 115 कर्मियों का मामला: रेलवे को एक हफ्ते में जवाब देने का निर्देश

नियमित हुए लापता 115 कर्मियों के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर मध्य रेलवे को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इससे पहले भी उत्तर मध्य रेलवे के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था, लेकिन जवाब दाखिल नहीं किया.

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Published : Jul 27, 2021, 7:02 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: 1996 में नियमित हुए 115 दैनिक कर्मी कौन और कहां हैं, इसका जवाब दाखिल करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा है. याचिका की सुनवाई अब 3 अगस्त को होगी. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम. एन भंडारी और न्यायाधीश अजय त्यागी की खंडपीठ ने प्रदीप कुमार द्विवेदी की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका में रेलवे पर कई वास्तविक दैनिक कर्मियों को नियमित न कर अपने चहेतों को फर्जी नियुक्ति दिखाकर नियमित करने का आरोप लगाया गया है. जो कार्यरत दैनिक कर्मचारी नियमित नहीं किये गए, वे न्याय की आस में भटक रहे हैं. रेलवे नियमित हुए 115 कर्मियों की सूची नहीं दे रहा है. विजिलेंस जांच में कहा गया है कि नियमित होने के बाद कर्मचारी कहां तैनात हैं, इसका कुछ पता नहीं है. इस संबंध में सूचना आयुक्त और सांसदों के पत्र रेलवे के कार्यालय में पड़े हैं, उस पर कुछ ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- High Court News: क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को सेवा नियमित करने पर निर्णय लेने का निर्देश

याची का कहना है कि रेलवे को जब अपने कर्मचारियों का पता नहीं है तो उनकी तनख्वाह कहां जा रही है. दैनिक कर्मियों को नियमित करने के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए सूची का खुलासा नहीं किया जा रहा है. इससे पहले भी रेलवे के वकील ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा था. वहीं अब फिर दोबारा एक हफ्ते का समय मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.

प्रयागराज: 1996 में नियमित हुए 115 दैनिक कर्मी कौन और कहां हैं, इसका जवाब दाखिल करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा है. याचिका की सुनवाई अब 3 अगस्त को होगी. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम. एन भंडारी और न्यायाधीश अजय त्यागी की खंडपीठ ने प्रदीप कुमार द्विवेदी की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका में रेलवे पर कई वास्तविक दैनिक कर्मियों को नियमित न कर अपने चहेतों को फर्जी नियुक्ति दिखाकर नियमित करने का आरोप लगाया गया है. जो कार्यरत दैनिक कर्मचारी नियमित नहीं किये गए, वे न्याय की आस में भटक रहे हैं. रेलवे नियमित हुए 115 कर्मियों की सूची नहीं दे रहा है. विजिलेंस जांच में कहा गया है कि नियमित होने के बाद कर्मचारी कहां तैनात हैं, इसका कुछ पता नहीं है. इस संबंध में सूचना आयुक्त और सांसदों के पत्र रेलवे के कार्यालय में पड़े हैं, उस पर कुछ ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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याची का कहना है कि रेलवे को जब अपने कर्मचारियों का पता नहीं है तो उनकी तनख्वाह कहां जा रही है. दैनिक कर्मियों को नियमित करने के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए सूची का खुलासा नहीं किया जा रहा है. इससे पहले भी रेलवे के वकील ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा था. वहीं अब फिर दोबारा एक हफ्ते का समय मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.

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