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अध्यापन कार्य प्रभावित किए बिना ले सकते हैं अतिरिक्त कार्य : हाईकोर्ट

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Published : Apr 2, 2021, 3:11 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा उप्र को निर्देश दिया है कि अध्यापकों से अध्यापन कार्य ही लिया जाय. अतिरिक्त कार्य लेना राज्य के लिए जरूरी हो तो अध्यापन कार्य प्रभावित किए बिना ही लिया जाय.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा उप्र को निर्देश दिया है कि अध्यापकों से अध्यापन कार्य ही लिया जाय. अतिरिक्त कार्य लेना राज्य के लिए जरूरी हो तो अध्यापन कार्य प्रभावित किए बिना ही लिया जाय. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने चंदौली के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक विवेकानंद दूबे की याचिका पर दिया.

हाईकोर्ट ने खेल, स्काउट आदि कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अध्यापकों को उनके मूल पद पर अध्यापन कार्य के लिए वापस बुलाने के आदेश को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा है कि अध्यापकों से गैर शैक्षिक कार्य न लेने के लिए तत्काल आदेश निर्गत किए जाएं.

हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा के प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए सभी अध्यापकों को उनके मूल पद पर भेजने के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कहा है कि अध्यापकों से अध्यापन के शिवाय अन्य कार्य न लिया जाय. क्योंकि जिस पद पर नियुक्ति की गई है वही कार्य लिया जाय. प्राथमिक कर्तव्य अध्यापन कार्य करने के बाद ही जरूरी होने पर अतिरिक्त कार्य लिया जाय.

याचिका में महानिदेशक के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि वह गेम टीचर है और प्रधानाध्यापक है. अन्य अध्यापकों की तरह अध्यापन उसका कार्य नहीं है, इसलिए उसकी खेल स्काउट के लिए प्रतिनियुक्ति को मनमाने तौर पर वापस न ली जाय. इस पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है.

याची 13 जुलाई 2017 को प्रधानाध्यापक पद से व्यायाम शिक्षक पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. 19 जनवरी 2021 को महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया कि प्रतिनियुक्ति पर तैनात अध्यापकों को कार्यमुक्त कर उनके मूल शैक्षिक पदों पर भेजा जाय. याची को व्यायाम शिक्षक कार्य के लिए 300 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त भत्ता प्रदान किया जा रहा था.

पढ़ें: चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के कारण कोर्ट का हस्तक्षेप से इंकार

महानिदेशक ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश के 75 जिलों के 880 ब्लॉक में 3405 जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों को एकेडमिक रिसर्च पर्सन पद पर तैनात किया गया है. ये मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-स्कूल चला रहे हैं, जो बीआरसी कार्यालय को रिपोर्ट कर रहे है. अपनी मूल नियुक्ति स्कूल को रिपोर्ट नहीं करते. यह कोविड-19 के कारण स्कूल नहीं जा रहे. इन्हें 2500 रुपये अतिरिक्त भत्ता दिया जा रहा है. याची का कहना था कि उसे भी 2500 रुपये दिए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा कि याची की मांग समझ से परे है. कुल खेल अतिरिक्त भत्ते को लेकर है. इसलिए सभी अध्यापकों को उनके मूल पद पर वापस भेजा जाय और अध्यापन कार्य लिया जाय.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा उप्र को निर्देश दिया है कि अध्यापकों से अध्यापन कार्य ही लिया जाय. अतिरिक्त कार्य लेना राज्य के लिए जरूरी हो तो अध्यापन कार्य प्रभावित किए बिना ही लिया जाय. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने चंदौली के प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक विवेकानंद दूबे की याचिका पर दिया.

हाईकोर्ट ने खेल, स्काउट आदि कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अध्यापकों को उनके मूल पद पर अध्यापन कार्य के लिए वापस बुलाने के आदेश को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा है कि अध्यापकों से गैर शैक्षिक कार्य न लेने के लिए तत्काल आदेश निर्गत किए जाएं.

हाईकोर्ट ने महानिदेशक बेसिक शिक्षा के प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए सभी अध्यापकों को उनके मूल पद पर भेजने के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए आदेश पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कहा है कि अध्यापकों से अध्यापन के शिवाय अन्य कार्य न लिया जाय. क्योंकि जिस पद पर नियुक्ति की गई है वही कार्य लिया जाय. प्राथमिक कर्तव्य अध्यापन कार्य करने के बाद ही जरूरी होने पर अतिरिक्त कार्य लिया जाय.

याचिका में महानिदेशक के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि वह गेम टीचर है और प्रधानाध्यापक है. अन्य अध्यापकों की तरह अध्यापन उसका कार्य नहीं है, इसलिए उसकी खेल स्काउट के लिए प्रतिनियुक्ति को मनमाने तौर पर वापस न ली जाय. इस पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है.

याची 13 जुलाई 2017 को प्रधानाध्यापक पद से व्यायाम शिक्षक पद पर प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. 19 जनवरी 2021 को महानिदेशक बेसिक शिक्षा ने सभी बीएसए को निर्देश दिया कि प्रतिनियुक्ति पर तैनात अध्यापकों को कार्यमुक्त कर उनके मूल शैक्षिक पदों पर भेजा जाय. याची को व्यायाम शिक्षक कार्य के लिए 300 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त भत्ता प्रदान किया जा रहा था.

पढ़ें: चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के कारण कोर्ट का हस्तक्षेप से इंकार

महानिदेशक ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रदेश के 75 जिलों के 880 ब्लॉक में 3405 जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापकों को एकेडमिक रिसर्च पर्सन पद पर तैनात किया गया है. ये मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-स्कूल चला रहे हैं, जो बीआरसी कार्यालय को रिपोर्ट कर रहे है. अपनी मूल नियुक्ति स्कूल को रिपोर्ट नहीं करते. यह कोविड-19 के कारण स्कूल नहीं जा रहे. इन्हें 2500 रुपये अतिरिक्त भत्ता दिया जा रहा है. याची का कहना था कि उसे भी 2500 रुपये दिए जाएं. हाईकोर्ट ने कहा कि याची की मांग समझ से परे है. कुल खेल अतिरिक्त भत्ते को लेकर है. इसलिए सभी अध्यापकों को उनके मूल पद पर वापस भेजा जाय और अध्यापन कार्य लिया जाय.

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