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B.ed छात्र का परिणाम घोषित करने पर विचार करने का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया निर्देश

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Published : Aug 16, 2021, 8:12 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 9:01 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएड द्वितीय सेमेस्टर की फीस जमा होने के बावजूद याची का परिणाम रोकने पर विश्वविद्यालय के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही दो महीने में इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया है.

B.ed छात्र का परिणाम घोषित करने का कोर्ट ने दिया निर्देश
B.ed छात्र का परिणाम घोषित करने का कोर्ट ने दिया निर्देश

प्रयागराजः बीएड द्वितीय सेमेस्टर की फीस जमा होने के बावजूद याची का परिणाम रोकने के लिए विश्वविद्यालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसके साथ ही दो महीने में इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला ने दुर्गा मिश्रा की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि बीएड प्रथम सेमेस्टर पास करने के बाद याची ने द्वितीय सेमेस्टर की फीस 30,000 रुपये कॉलेज में जमा किया. कोविड-19 संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हो सकी. छात्रों को प्रोन्नति दे दी गई. किन्तु याची का परिणाम घोषित नहीं किया गया. कॉलेज ने फीस जमा होने की सूचना विश्वविद्यालय को नहीं दी. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है. कॉलेज ने गलती मानी है. इसके बावजूद उसका परिणाम घोषित नहीं किया गया.

इसे भी पढ़ें- खुद को हिंदू बताकर युवती का करता रहा शोषण, युवती ने बच्चे को दिया जन्म तो छोड़कर भागा

उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में एक मार्च 2021 से जेल में बंद कानपुर देहात के अखिलेश दुबे की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. ये आदेश न्यायमूर्ति नवीन श्रीवास्तव ने दिया है. अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और चंद्रकेश मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि याची को फंसाया गया है. बिना गैंग के गैंग चार्ट तैयार किया गया. एक ही आपराधिक केस पर गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट ने शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया है.

इसे भी पढ़ें- DDU GRP पर लगा ठगी का आरोप, पहले लुटेरे को छोड़ने की हुई डील फिर भेजा जेल

प्रयागराजः बीएड द्वितीय सेमेस्टर की फीस जमा होने के बावजूद याची का परिणाम रोकने के लिए विश्वविद्यालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसके साथ ही दो महीने में इस पर फैसला लेने का निर्देश दिया है. ये आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला ने दुर्गा मिश्रा की याचिका पर दिया है.

याचिका पर अधिवक्ता दिनेश कुमार मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि बीएड प्रथम सेमेस्टर पास करने के बाद याची ने द्वितीय सेमेस्टर की फीस 30,000 रुपये कॉलेज में जमा किया. कोविड-19 संक्रमण के कारण परीक्षा नहीं हो सकी. छात्रों को प्रोन्नति दे दी गई. किन्तु याची का परिणाम घोषित नहीं किया गया. कॉलेज ने फीस जमा होने की सूचना विश्वविद्यालय को नहीं दी. इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है. कॉलेज ने गलती मानी है. इसके बावजूद उसका परिणाम घोषित नहीं किया गया.

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उधर, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में एक मार्च 2021 से जेल में बंद कानपुर देहात के अखिलेश दुबे की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. ये आदेश न्यायमूर्ति नवीन श्रीवास्तव ने दिया है. अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और चंद्रकेश मिश्र ने बहस की. इनका कहना था कि याची को फंसाया गया है. बिना गैंग के गैंग चार्ट तैयार किया गया. एक ही आपराधिक केस पर गैंगस्टर एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कोर्ट ने शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया है.

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Last Updated : Aug 16, 2021, 9:01 PM IST
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