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हाईकोर्ट ने तहसीलदार के राधास्वामी सत्संग भवन को ध्वस्त करने का आदेश किया रद्द, कहा- न्याय का नहीं हुआ पालन

आगरा के दयालबाग में जमीन खाली कराने के दौरान हिंसा हुई थी. अब तहसीलदार द्वारा राधास्वामी सत्संग (Radhaswami Satsang Bhavan case) भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश को रद्द कर दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2023, 10:41 PM IST

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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के दयालबाग स्थित राधास्वामी सत्संग भवन ध्वस्तीकरण मामले में तहसीलदार के आदेश और नोटिस को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आदेश पारित करते समय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया है. कोर्ट ने नए सिरे से याची का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने की छूट दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने राधा स्वामी सत्संग सभा की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिया है. याची का कहना था कि उसे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. जबकि, नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मांगा गया था. लेकिन, 24 सितंबर को ही शाम चार बजे तक जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया. तहसीलदार ने आदेश पारित करते समय याची की अपत्तियों पर विचार नहीं किया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, इस पर कार्यवाही की गई.

इसे भी पढ़े-Agra Dayalbagh Case: हाईकोर्ट ने दयालबाग मामले में 16 अक्टूबर तक कार्रवाई पर लगाई रोक

याची का कहना था कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली कर रहा है, वह सत्संग सभा के नाम से ही है. प्रशासन ने मनमाने तरीके से न सिर्फ बुल्डोजर चलाया बल्कि सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया. याचिका के साथ 1935 से 2012 तक हुए सभी एग्रीमेंट, लीज डीड और आदेशों की कॉपी लगाई गई है. इसके साथ 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार के नोटिस का जवाब संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकॉर्ड की भी याचिका में संलग्न किए गए हैं. सरकार की ओर से भी खसरा खतौनी के अलावा अन्य राजस्व रिकॉर्ड और दो दर्जन से ज्यादा पेजों का जवाब, पुलिस के साथ हुई मारपीट के फोटोग्राफ भी लगाए गए हैं.

गौरतलब है कि आगरा के दयालबाग में जमीन खाली कराने के दौरान हिंसा हुई थी. सत्संगियों की ओर से पथराव किया गया था. जबकि, पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज में 50 के करीब सत्संगी घायल हुए. पथराव में कई पुलिस वालों को भी चोटें आई थीं.

यह भी पढ़े-आगरा में राधास्वामी सत्संग सभा के अध्यक्ष और दो उपाध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज, ये है पूरा मामला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के दयालबाग स्थित राधास्वामी सत्संग भवन ध्वस्तीकरण मामले में तहसीलदार के आदेश और नोटिस को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आदेश पारित करते समय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया है. कोर्ट ने नए सिरे से याची का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने की छूट दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने राधा स्वामी सत्संग सभा की याचिका पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिया है. याची का कहना था कि उसे अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. जबकि, नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मांगा गया था. लेकिन, 24 सितंबर को ही शाम चार बजे तक जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया. तहसीलदार ने आदेश पारित करते समय याची की अपत्तियों पर विचार नहीं किया. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है, इस पर कार्यवाही की गई.

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याची का कहना था कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली कर रहा है, वह सत्संग सभा के नाम से ही है. प्रशासन ने मनमाने तरीके से न सिर्फ बुल्डोजर चलाया बल्कि सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया. याचिका के साथ 1935 से 2012 तक हुए सभी एग्रीमेंट, लीज डीड और आदेशों की कॉपी लगाई गई है. इसके साथ 19 सितंबर 2023 को तहसीलदार के नोटिस का जवाब संबंधित भूखंडों के राजस्व रिकॉर्ड की भी याचिका में संलग्न किए गए हैं. सरकार की ओर से भी खसरा खतौनी के अलावा अन्य राजस्व रिकॉर्ड और दो दर्जन से ज्यादा पेजों का जवाब, पुलिस के साथ हुई मारपीट के फोटोग्राफ भी लगाए गए हैं.

गौरतलब है कि आगरा के दयालबाग में जमीन खाली कराने के दौरान हिंसा हुई थी. सत्संगियों की ओर से पथराव किया गया था. जबकि, पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज में 50 के करीब सत्संगी घायल हुए. पथराव में कई पुलिस वालों को भी चोटें आई थीं.

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