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प्रयागराज: हाईकोर्ट ने मथुरा के चार ITI संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक - मथुरा के चार ITI संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगाई रोक

मथुरा के चार आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग से जवाब मांगा है. साथ ही उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jan 24, 2021, 5:51 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के चार आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग से जवाब तलब किया है. इन संस्थानों के खिलाफ समाज कल्याण विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई प्रारंभ की है. जिसे याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है. पन्ना लाल आईटीआई शाहज‌हांपुर रोड मथुरा और चार अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की पीठ सुनवाई कर रही है.

क्या है मामला

याची संस्थानों का कहना है कि वह नियमानुसार आईटीआई संस्थानों का संचालन कर रहे हैं. उनके यहां इलेक्ट्रानिक, मैकेनिकल, फिटर आदि की ट्रेनिंग दी जात‌ी है. संस्थान सभी मानकों का पालन कर रहे हैं. अचानक एक समाचार प्रकाशन के आधार पर निदेशक नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग, नई दिल्ली ने संस्थानों का निरीक्षण किया. इसके बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. बाद में सब कुछ ठीक मिलने पर संस्थानों को असंबद्धता सूची से बाहर कर दिया गया.

समाज कल्याण विभाग से मांगा जवाब

इसके बाद निदेशक समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश ने 28 दिसंबर 2020 को इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख भी तय कर दी गई, लेकिन उस दिन भी एकतरफा कार्रवाई कर दी. याची संस्थाओं को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. इस मामले में कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को अगली सुनवाई तक संस्थाओं के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. साथ ही समाज कल्याण विभाग से जवाब मांगा है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के चार आईटीआई संस्थानों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग से जवाब तलब किया है. इन संस्थानों के खिलाफ समाज कल्याण विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई प्रारंभ की है. जिसे याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है. पन्ना लाल आईटीआई शाहज‌हांपुर रोड मथुरा और चार अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी और न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी की पीठ सुनवाई कर रही है.

क्या है मामला

याची संस्थानों का कहना है कि वह नियमानुसार आईटीआई संस्थानों का संचालन कर रहे हैं. उनके यहां इलेक्ट्रानिक, मैकेनिकल, फिटर आदि की ट्रेनिंग दी जात‌ी है. संस्थान सभी मानकों का पालन कर रहे हैं. अचानक एक समाचार प्रकाशन के आधार पर निदेशक नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग, नई दिल्ली ने संस्थानों का निरीक्षण किया. इसके बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. बाद में सब कुछ ठीक मिलने पर संस्थानों को असंबद्धता सूची से बाहर कर दिया गया.

समाज कल्याण विभाग से मांगा जवाब

इसके बाद निदेशक समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश ने 28 दिसंबर 2020 को इन संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख भी तय कर दी गई, लेकिन उस दिन भी एकतरफा कार्रवाई कर दी. याची संस्थाओं को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया. इस मामले में कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को अगली सुनवाई तक संस्थाओं के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है. साथ ही समाज कल्याण विभाग से जवाब मांगा है.

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