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हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के साले शरजील को दी जमानत - माफिया मुख्तार अंसारी

कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के साले शरजील की गैंगस्टर के मामले में बेल मंजूर (Sharjeel Raza bail approved) कर ली है.

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शरजील की गैंगस्टर में जमानत मंज़ूर
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 9:48 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य और मुख्तार के साले शरजील रजा की गैंगस्टर के मामले में जमानत मंजूर कर ली है. जमानत का आदेश बुधवार को न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने दिया.

शरजील के खिलाफ गाजीपुर के कोतवाली थाने में मई 2023 को गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि वह मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य है. उसके विरुद्ध कई मुकदमें दर्ज है. साथ ही संगठित रूप से किए जाने वाले अपराध में भी वह शामिल है. इस मामले में शरजील की ओर से जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की गई थी.

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शरजील के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि याची को राजनीतिक विद्वेष के कारण झूठे मुकदमे में फसाया गया है. उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमों में उसे जमानत मिल चुकी है. जबकि प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाअधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध किया है.

अपर महाअधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव का कहना था कि अभियुक्त मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य है. वह पहले से ही कई अपराधों में लिप्त है. उसे जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद साथ ही प्रकरण के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद शरजील को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़े-तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश पर कोर्ट ने लगाई रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य और मुख्तार के साले शरजील रजा की गैंगस्टर के मामले में जमानत मंजूर कर ली है. जमानत का आदेश बुधवार को न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने दिया.

शरजील के खिलाफ गाजीपुर के कोतवाली थाने में मई 2023 को गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि वह मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य है. उसके विरुद्ध कई मुकदमें दर्ज है. साथ ही संगठित रूप से किए जाने वाले अपराध में भी वह शामिल है. इस मामले में शरजील की ओर से जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत पर रिहा किए जाने की मांग की गई थी.

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शरजील के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय का कहना था कि याची को राजनीतिक विद्वेष के कारण झूठे मुकदमे में फसाया गया है. उसके विरुद्ध दर्ज मुकदमों में उसे जमानत मिल चुकी है. जबकि प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाअधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने जमानत अर्जी का विरोध किया है.

अपर महाअधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव का कहना था कि अभियुक्त मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य है. वह पहले से ही कई अपराधों में लिप्त है. उसे जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद साथ ही प्रकरण के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद शरजील को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

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