प्रयागराज: दिल में अगर कुछ करने की तमन्ना हो, तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं. समाज में कुछ अलग करने की इच्छा शक्ति से इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) के पूर्व छात्रों ने एक अनूठा प्रयास किया है. प्रयागराज में इन छात्रों ने एक ऐसे अभियान की शुरुआत की है, जिससे न सिर्फ गरीब छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर एंड्रॉयड फोन भी मुफ्त मिल सकेगा. अभियान की शुरुआत हुए महज अभी 15 दिन हुए हैं. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर 6 बच्चों को मुफ्त में एंड्रॉयड फोन दिया गया है. लाभार्थी बच्चे अब अपनी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से कर पा रहे हैं. इसकी शुरुआत शनिवार को प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में हुई.
गरीब छात्रों की मदद के लिए दिए जाने वाले मोबाइल का संकलन जन भागीदारी से होता है. विजय द्विवेदी ने बताया कि शुरुआत में इसके लिए हमने अपने पास रखे हुए मोबाइल को जमा किया. बाद में विश्वविद्यालय कि हमारे कुछ साथियों द्वारा यह अपील की गई कि अगर उनके पास कोई पुराना या अतिरिक्त स्मार्टफोन हो, जिसका उपयोग वह नहीं कर रहे हैं, तो उसे गरीब बच्चों को देने में मदद करें. उनकी यह अपील उनके दोस्तों को पसंद आई और एक एक कर शुरुआत के हफ्ते में आधा दर्जन मोबाइल इकट्ठे हो गए. अपने इस अभियान को आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक ऐसे लोगों को जोड़ने के लिए जो गरीब बच्चों की मदद करने में सक्षम है. मोबाइल बैंक द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर लोग सूचना देकर इस मोबाइल बैंक में गरीब बच्चों के लिए स्मार्टफोन देकर उनकी मदद कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर 94 15 21 7429 है.
परिषदीय स्कूलों में बहुत से ऐसे प्रतिभावान छात्र, जो सुविधाओं के अभाव में अपने शिक्षण कार्य का संचालन ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के द्वारा ऐसे छात्रों की स्क्रीनिंग की जाती है और उनकी आर्थिक स्थिति का भी आंकलन किया जाता है. इसके बाद संबंधित स्कूल के शिक्षक से संपर्क कर उनके माता-पिता की मौजूदगी मैं मोबाइल बैंक से स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाता है.
मोबाइल बैंक के संचालक विजय व उनके साथियों के द्वारा ऐसे बच्चों का दौरा रखा जाएगा, जिन्हें मोबाइल बैंक के द्वारा मुफ्त में स्मार्टफोन मुहैया कराया जा रहा है. वह समय-समय पर ऐसे बच्चों से मुलाकात कर उनकी शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानेंगे और यह भी देखेंगे कि सुविधा होने के बाद उनकी शिक्षण व्यवस्था में किस तरह से बदलाव आ रहा है.
इसे भी पढ़ें- विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व, बड़ी संख्या में विदेशी शिष्य पहुंचे संगम नगरी