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होनहार छात्रों के लिए शुरू हुआ मोबाइल बैंक, ऐसे मिलेगा फ्री स्मार्टफोन - prayagraj news

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) के पूर्व छात्रों ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मोबाइल बैंक अभियान की शुरूआत की है, जिसकी प्रयागराज में खूब सराहना हो रही है. इस मोबाइल बैंक के जरिए शनिवार को कुछ बच्चों को फ्री मोबाइल दिया गया. इससे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ सकेंगे. मोबाइल बैंक के संस्थापक ने लोगों से ऐसे बच्चों के लिए आगे आकर मदद करने की अपील की है.

मोबाइल बैंक
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Published : Jul 24, 2021, 7:41 PM IST

Updated : Jul 24, 2021, 8:21 PM IST

प्रयागराज: दिल में अगर कुछ करने की तमन्ना हो, तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं. समाज में कुछ अलग करने की इच्छा शक्ति से इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) के पूर्व छात्रों ने एक अनूठा प्रयास किया है. प्रयागराज में इन छात्रों ने एक ऐसे अभियान की शुरुआत की है, जिससे न सिर्फ गरीब छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर एंड्रॉयड फोन भी मुफ्त मिल सकेगा. अभियान की शुरुआत हुए महज अभी 15 दिन हुए हैं. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर 6 बच्चों को मुफ्त में एंड्रॉयड फोन दिया गया है. लाभार्थी बच्चे अब अपनी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से कर पा रहे हैं. इसकी शुरुआत शनिवार को प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में हुई.

इलाहाबाद विवि. के पूर्व छात्रों ने की मोबाइल बैंक की शुरूआत.
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को देखते हुए पिछले 2 साल से स्कूलों में पढ़ाई बाधित है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई का सुझाव दिया और विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है. जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड फोन था, वह ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा ले पा रहे थे, लेकिन गरीब बच्चों के पास आर्थिक तंगी के चलते एंड्रॉयड फोन नहीं था. उनके ऑनलाइन क्लास में बाधा उत्पन्न हो रही थी. इसको देखते हुए इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र विजय द्विवेदी व उनके साथियों ने एक मोबाइल बैंक की स्थापना की है, जिसके माध्यम से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार छात्रों को एंड्रॉयड फोन मुफ्त में दिया जा रहा है, जिससे ऐसे बच्चों की पढ़ाई बाधित न होने पाए. किसी भी मुहिम या अभियान की शुरुआत के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है.
मोबाइल बैंक की स्थापना का कारण भी कुछ अनूठा है. मोबाइल बैंक संस्थापक विजय द्विवेदी बताते हैं कि कुछ दिन पहले वह शहर के मम्फोर्डगंज इलाके में अपने किसी कार्य से गए हुए थे. वहां पर उन्होंने कुछ बच्चों को एक साथ समूह बनाकर मोबाइल पर कुछ देखते हुए देखा. इसके बाद वह बच्चों के पास गए और उनसे पूछा कि आप लोग क्या कर रहे हैं. इस पर बच्चों ने बताया कि हम अपने ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई कर रहे हैं. विजय बताते हैं कि बच्चे जिस मोबाइल से ऑनलाइन क्लास ले रहे थे, वह टूटा भी था और उसमें कुछ चीजें स्पष्ट सुनाई भी नहीं पढ़ रही थी. यह देखकर उनका मन दु:खी हो गया. इसके बाद उन्होंने ठाना कि वह कुछ ऐसा करेंगे, जिससे ऐसे बच्चों को अपनी पढ़ाई के लिए मोबाइल मिल सके. उसके अगले दिन उन्होंने एक मोबाइल बैंक बनाया, जिससे गरीब होनहार छात्रों की मदद की जा सके.

गरीब छात्रों की मदद के लिए दिए जाने वाले मोबाइल का संकलन जन भागीदारी से होता है. विजय द्विवेदी ने बताया कि शुरुआत में इसके लिए हमने अपने पास रखे हुए मोबाइल को जमा किया. बाद में विश्वविद्यालय कि हमारे कुछ साथियों द्वारा यह अपील की गई कि अगर उनके पास कोई पुराना या अतिरिक्त स्मार्टफोन हो, जिसका उपयोग वह नहीं कर रहे हैं, तो उसे गरीब बच्चों को देने में मदद करें. उनकी यह अपील उनके दोस्तों को पसंद आई और एक एक कर शुरुआत के हफ्ते में आधा दर्जन मोबाइल इकट्ठे हो गए. अपने इस अभियान को आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक ऐसे लोगों को जोड़ने के लिए जो गरीब बच्चों की मदद करने में सक्षम है. मोबाइल बैंक द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर लोग सूचना देकर इस मोबाइल बैंक में गरीब बच्चों के लिए स्मार्टफोन देकर उनकी मदद कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर 94 15 21 7429 है.



परिषदीय स्कूलों में बहुत से ऐसे प्रतिभावान छात्र, जो सुविधाओं के अभाव में अपने शिक्षण कार्य का संचालन ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के द्वारा ऐसे छात्रों की स्क्रीनिंग की जाती है और उनकी आर्थिक स्थिति का भी आंकलन किया जाता है. इसके बाद संबंधित स्कूल के शिक्षक से संपर्क कर उनके माता-पिता की मौजूदगी मैं मोबाइल बैंक से स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाता है.

मोबाइल बैंक के संचालक विजय व उनके साथियों के द्वारा ऐसे बच्चों का दौरा रखा जाएगा, जिन्हें मोबाइल बैंक के द्वारा मुफ्त में स्मार्टफोन मुहैया कराया जा रहा है. वह समय-समय पर ऐसे बच्चों से मुलाकात कर उनकी शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानेंगे और यह भी देखेंगे कि सुविधा होने के बाद उनकी शिक्षण व्यवस्था में किस तरह से बदलाव आ रहा है.
इसे भी पढ़ें- विदेशों में भी गुरु पूर्णिमा का महत्त्व, बड़ी संख्या में विदेशी शिष्य पहुंचे संगम नगरी

प्रयागराज: दिल में अगर कुछ करने की तमन्ना हो, तो रास्ते अपने आप बन जाते हैं. समाज में कुछ अलग करने की इच्छा शक्ति से इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (University of Allahabad) के पूर्व छात्रों ने एक अनूठा प्रयास किया है. प्रयागराज में इन छात्रों ने एक ऐसे अभियान की शुरुआत की है, जिससे न सिर्फ गरीब छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई हो सकेगी, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर एंड्रॉयड फोन भी मुफ्त मिल सकेगा. अभियान की शुरुआत हुए महज अभी 15 दिन हुए हैं. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर 6 बच्चों को मुफ्त में एंड्रॉयड फोन दिया गया है. लाभार्थी बच्चे अब अपनी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रूप से कर पा रहे हैं. इसकी शुरुआत शनिवार को प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में हुई.

इलाहाबाद विवि. के पूर्व छात्रों ने की मोबाइल बैंक की शुरूआत.
कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को देखते हुए पिछले 2 साल से स्कूलों में पढ़ाई बाधित है. ऐसे में छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई का सुझाव दिया और विद्यालय के शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है. जिन छात्रों के पास एंड्रॉयड फोन था, वह ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा ले पा रहे थे, लेकिन गरीब बच्चों के पास आर्थिक तंगी के चलते एंड्रॉयड फोन नहीं था. उनके ऑनलाइन क्लास में बाधा उत्पन्न हो रही थी. इसको देखते हुए इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र विजय द्विवेदी व उनके साथियों ने एक मोबाइल बैंक की स्थापना की है, जिसके माध्यम से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले होनहार छात्रों को एंड्रॉयड फोन मुफ्त में दिया जा रहा है, जिससे ऐसे बच्चों की पढ़ाई बाधित न होने पाए. किसी भी मुहिम या अभियान की शुरुआत के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है.
मोबाइल बैंक की स्थापना का कारण भी कुछ अनूठा है. मोबाइल बैंक संस्थापक विजय द्विवेदी बताते हैं कि कुछ दिन पहले वह शहर के मम्फोर्डगंज इलाके में अपने किसी कार्य से गए हुए थे. वहां पर उन्होंने कुछ बच्चों को एक साथ समूह बनाकर मोबाइल पर कुछ देखते हुए देखा. इसके बाद वह बच्चों के पास गए और उनसे पूछा कि आप लोग क्या कर रहे हैं. इस पर बच्चों ने बताया कि हम अपने ऑनलाइन क्लास की पढ़ाई कर रहे हैं. विजय बताते हैं कि बच्चे जिस मोबाइल से ऑनलाइन क्लास ले रहे थे, वह टूटा भी था और उसमें कुछ चीजें स्पष्ट सुनाई भी नहीं पढ़ रही थी. यह देखकर उनका मन दु:खी हो गया. इसके बाद उन्होंने ठाना कि वह कुछ ऐसा करेंगे, जिससे ऐसे बच्चों को अपनी पढ़ाई के लिए मोबाइल मिल सके. उसके अगले दिन उन्होंने एक मोबाइल बैंक बनाया, जिससे गरीब होनहार छात्रों की मदद की जा सके.

गरीब छात्रों की मदद के लिए दिए जाने वाले मोबाइल का संकलन जन भागीदारी से होता है. विजय द्विवेदी ने बताया कि शुरुआत में इसके लिए हमने अपने पास रखे हुए मोबाइल को जमा किया. बाद में विश्वविद्यालय कि हमारे कुछ साथियों द्वारा यह अपील की गई कि अगर उनके पास कोई पुराना या अतिरिक्त स्मार्टफोन हो, जिसका उपयोग वह नहीं कर रहे हैं, तो उसे गरीब बच्चों को देने में मदद करें. उनकी यह अपील उनके दोस्तों को पसंद आई और एक एक कर शुरुआत के हफ्ते में आधा दर्जन मोबाइल इकट्ठे हो गए. अपने इस अभियान को आगे बढ़ाने और अधिक से अधिक ऐसे लोगों को जोड़ने के लिए जो गरीब बच्चों की मदद करने में सक्षम है. मोबाइल बैंक द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, जिस पर लोग सूचना देकर इस मोबाइल बैंक में गरीब बच्चों के लिए स्मार्टफोन देकर उनकी मदद कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन नंबर 94 15 21 7429 है.



परिषदीय स्कूलों में बहुत से ऐसे प्रतिभावान छात्र, जो सुविधाओं के अभाव में अपने शिक्षण कार्य का संचालन ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के द्वारा ऐसे छात्रों की स्क्रीनिंग की जाती है और उनकी आर्थिक स्थिति का भी आंकलन किया जाता है. इसके बाद संबंधित स्कूल के शिक्षक से संपर्क कर उनके माता-पिता की मौजूदगी मैं मोबाइल बैंक से स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाता है.

मोबाइल बैंक के संचालक विजय व उनके साथियों के द्वारा ऐसे बच्चों का दौरा रखा जाएगा, जिन्हें मोबाइल बैंक के द्वारा मुफ्त में स्मार्टफोन मुहैया कराया जा रहा है. वह समय-समय पर ऐसे बच्चों से मुलाकात कर उनकी शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानेंगे और यह भी देखेंगे कि सुविधा होने के बाद उनकी शिक्षण व्यवस्था में किस तरह से बदलाव आ रहा है.
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Last Updated : Jul 24, 2021, 8:21 PM IST
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