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छूट मिली तो संगमनगरी में लगने लगी आस्था की डुबकी

संगमनगरी प्रयागराज में अनलॉक-1 में मिली छूट के बाद संगमतट पर श्रद्धालुओं का आना-जाना फिर शुरू हो गया है. श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर पूजन-अर्चन किया. इस मौके पर कुछ श्रद्धालुओं ने कहा कि लॉकडाउन के कारण गंगा शुद्ध हो गई हैं. इसलिए सरकार को आगे गंगा को साफ बनाए रखने की दिसा में काम करना चाहिए.

दो महीने बाद शुरू हुआ गंगा स्नान.
दो महीने बाद शुरू हुआ गंगा स्नान.
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Published : Jun 4, 2020, 5:17 PM IST

प्रयागराज: लॉकडाउन के चलते संगम घाट पर पसरे सन्नटे के बाद अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद अब यहां चहल-पहल शुरू हो गई है. श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाना भी शुरू कर दिया है. इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों द्वारा पिंडदान भी करवाया जाने लगा है. संगम घाट पर पहुंचकर श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने लगे हैं.

दो महीने बाद शुरू हुआ गंगा स्नान.

दो महीने बाद मां गंगे का किया दर्शन

गंगा में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु राहुल सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कई दिनों से घरों में कैद था. लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलने के बाद हम सभी गंगा स्नान करने पहुंचे हैं. गंगा में स्नान करने के बाद हम सबने पूजा-पाठ भी की है. कुछ अन्य श्रद्धालुओं ने बताया कि संगम में लोगों का आवागमन शुरू होने के साथ मां गंगे का मनोरम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया है.

लॉकडाउन में पवित्र हुईं गंगा

गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु गौरव ने बताया कि लॉकडाउन के चलते गंगा पूरी तरह से पवित्र हो गई हैं. ऐसे में सरकार को अब गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए ध्यान देना चाहिए. गंगा नदी लोगों के स्नान करने से नहीं बल्कि फैक्ट्रियों के गंदे पानी से प्रदूषित होती है. अब जबकि लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से गंगा शुद्ध हो गई है तो सरकार को अब फैक्टरियों का पानी गंगा में न जाए इस क्षेत्र में कार्य करना चाहिए.

इस मौके पर श्रद्धालुओं का कहना था कि सरकार ने 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट चलाया है, लेकिन इस योजना से गंगा प्रदूषण मुक्त नहीं हुई है. अब जबकि गंगा प्रदूषण मुक्त हो गई है तो सरकार को गंगा को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए.

प्रयागराज: लॉकडाउन के चलते संगम घाट पर पसरे सन्नटे के बाद अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद अब यहां चहल-पहल शुरू हो गई है. श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाना भी शुरू कर दिया है. इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों द्वारा पिंडदान भी करवाया जाने लगा है. संगम घाट पर पहुंचकर श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ ही पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने लगे हैं.

दो महीने बाद शुरू हुआ गंगा स्नान.

दो महीने बाद मां गंगे का किया दर्शन

गंगा में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु राहुल सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले कई दिनों से घरों में कैद था. लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलने के बाद हम सभी गंगा स्नान करने पहुंचे हैं. गंगा में स्नान करने के बाद हम सबने पूजा-पाठ भी की है. कुछ अन्य श्रद्धालुओं ने बताया कि संगम में लोगों का आवागमन शुरू होने के साथ मां गंगे का मनोरम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया है.

लॉकडाउन में पवित्र हुईं गंगा

गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु गौरव ने बताया कि लॉकडाउन के चलते गंगा पूरी तरह से पवित्र हो गई हैं. ऐसे में सरकार को अब गंगा की पवित्रता बनाए रखने के लिए ध्यान देना चाहिए. गंगा नदी लोगों के स्नान करने से नहीं बल्कि फैक्ट्रियों के गंदे पानी से प्रदूषित होती है. अब जबकि लॉकडाउन में फैक्ट्रियों के बंद होने से गंगा शुद्ध हो गई है तो सरकार को अब फैक्टरियों का पानी गंगा में न जाए इस क्षेत्र में कार्य करना चाहिए.

इस मौके पर श्रद्धालुओं का कहना था कि सरकार ने 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट चलाया है, लेकिन इस योजना से गंगा प्रदूषण मुक्त नहीं हुई है. अब जबकि गंगा प्रदूषण मुक्त हो गई है तो सरकार को गंगा को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए.

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