प्रयागराजः उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक-2021 को विधानसभा में प्रस्ताव लाया है. इसके अंतर्गत तीन कार्य दिवस लखनऊ पीठ एवं दो कार्य दिवस इलाहाबाद पीठ में कार्य करने का निर्णय लिया है. हड़ताल कर रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि यह विधेयक प्रधान पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट की गरिमा के विरुद्ध है.
अधिवक्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार का लिया गया यह निर्णय न सिर्फ इलाहाबाद हाईकोर्ट की गरिमा के विरुद्ध है बल्कि अधिवक्ताओं की भावनाओं के विरुद्ध है. इसके विरोध में बुधवार को हाईकोर्ट बार एसोशिएशन ने सरकार के इस निर्णय के विरोध में न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है.
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न्यायिक कार्य से विरत रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि सरकार अगर यह निर्णय वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में इलाहाबाद हाईकोर्ट बाढ़ के अधिवक्ता रणनीति के तहत सरकार का विरोध करेंगे. यह निर्णय वापस लेने के लिए बाध्य करेंगे.