ETV Bharat / state

अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला पर इलाहाबाद HC ने लगाया 50 हजार रुपये का हर्जाना

author img

By

Published : Oct 11, 2021, 6:34 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला पर याची को परेशान करने और कोर्ट का समय बर्बाद करने पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. उन्होंने कहा है कि 6 हफ्ते में हर्जाना हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा किया जाए.

आराधना शुक्ला पर इलाहाबाद HC ने लगाया 50 हजार रुपये का हर्जाना
आराधना शुक्ला पर इलाहाबाद HC ने लगाया 50 हजार रुपये का हर्जाना

प्रयागराजः अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला पर हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही इसे 6 हफ्ते के भीतर विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कहा है कि अगर हर्जाना जमा नहीं किया गया तो राजस्व वसूली से जमा कराया जाए.

इस याचिका पर अधिवक्ता कमल केसरवानी ने बहस की. याची के पति की ग्रेच्युटी का भुगतान ये कहते हुए नहीं किया गया कि पति ने 60 साल में सेवानिवृत होने का विकल्प नहीं भरा था. कोर्ट ने फैसले में साफ कहा है कि सेवानिवृत होने से पहले अगर मौत हो जाती है, तो विकल्प न भरने की वजह से ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसाः आरोपी आशीष मिश्र की पुलिस को मिली रिमांड, विपक्ष ने कर दी अब ये डिमांड

कोर्ट ने डीआईओएस को नए सिरे से आदेश देने का निर्देश दिया. लेकिन भुगतान करने से शासनादेश का हवाला देते हुए मना कर दिया गया. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. कोई जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर तलब किया है. इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर बताया कि ग्रेच्युटी जारी कर दी गई है. कोर्ट में न पेश होने पर कहा कि वायरल फीवर है. जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि वारंट जारी होने पर बिना आपत्ति के भुगतान कर दिया गया. याची को बेवजह परेशान किया गया. जिसपर हर्जाना लगाया गया है.

प्रयागराजः अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला पर हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही इसे 6 हफ्ते के भीतर विधिक सेवा समिति में जमा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने महानिबंधक को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कहा है कि अगर हर्जाना जमा नहीं किया गया तो राजस्व वसूली से जमा कराया जाए.

इस याचिका पर अधिवक्ता कमल केसरवानी ने बहस की. याची के पति की ग्रेच्युटी का भुगतान ये कहते हुए नहीं किया गया कि पति ने 60 साल में सेवानिवृत होने का विकल्प नहीं भरा था. कोर्ट ने फैसले में साफ कहा है कि सेवानिवृत होने से पहले अगर मौत हो जाती है, तो विकल्प न भरने की वजह से ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी हिंसाः आरोपी आशीष मिश्र की पुलिस को मिली रिमांड, विपक्ष ने कर दी अब ये डिमांड

कोर्ट ने डीआईओएस को नए सिरे से आदेश देने का निर्देश दिया. लेकिन भुगतान करने से शासनादेश का हवाला देते हुए मना कर दिया गया. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. कोई जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर तलब किया है. इसके बाद अपर मुख्य सचिव ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर बताया कि ग्रेच्युटी जारी कर दी गई है. कोर्ट में न पेश होने पर कहा कि वायरल फीवर है. जिसपर कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि वारंट जारी होने पर बिना आपत्ति के भुगतान कर दिया गया. याची को बेवजह परेशान किया गया. जिसपर हर्जाना लगाया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.