प्रयागराज : मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण करने के लिये प्रेरित करने वाले जिस इरफान को गिरफ्तार किया गया है, उसे साल भर पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फरवरी 2020 में प्रयागराज में मंच पर शाबाशी दी थी. पीएम मोदी ने उसकी पीठ इसलिये थपथपायी थी, क्योंकि उसने दिव्यागों के उपकरण दिये जाने के उस कार्यक्रम में पीएम के भाषण को इशारों के जरिये मूकबधिर दिव्यांगों को समझाया था.
एटीएस ने किया खुलासा
एटीएस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा किया कि इरफान अपनी इसी हुनर के जरिये मूक बधिर बच्चों को इस्लाम का बखान करके बताता था. इसके साथ ही वो उन्हें धर्मांतरण करने के लिये प्रेरित करता था. चौकाने वाली बात ये है कि इरफान दिल्ली के मिनिस्ट्री ऑफ चाइल्ड वेलफेयर में इंटरप्रेटर का काम करता था. यही वजह थी कि उसे पिछले साल प्रयागराज में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिये बुलाया गया था, जहां वो प्रधानमंत्री के मंच पर मौजूद था. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद पीएम मोदी मंच पर उसके पास तक जाकर उसकी पीठ थपथपाकर उसकी सराहना किए थे.
यूपी एटीएस ने गिरफ्तारी के बाद किया खुलासा
यूपी की एटीएस की तरफ से दो दिन पहले ही इरफान की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया को दी गयी थी. जिसमें बताया गया था कि इरफान मूक बधिर बच्चों को इशारों के जरिये इस्लाम का ज्ञान देता था. साथ ही वो बच्चों को घर्मांतरण करने के लिये प्रेरित करता था. वो बच्चों को लालच देकर भी धर्मांतरण कराने की कोशिश करता था. जानकारी ऐसी भी मिली है कि उसके तार उमर गौतम के साथ भी जुड़े हुये थे, और वो इन बच्चों का डाटा भी धर्मांतरण कराने वालों तक पहुंचाने का काम करता था. पिछले दिनों धर्मांतरण कराने वाले गैंग का खुलासा होने के बाद एटीएस की जांच में इरफान का नाम सामने आया, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी की गयी है.
साल भर पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई भारी चूक
29 फरवरी 2020 को प्रयागराज के परेड मैदान में दिव्यांग महाकुंभ का आयोजन किया गया था. उस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने 26 हजार से ज्यादा दिव्यांगों को उपकरण बांटे थे. लेकिन उस कार्यक्रम में पीएम मोदी की मंच पर एक ऐसा व्यक्ति मौजूद था, जो इस वक्त धर्मांतरण कराने के आरोप में एटीएस के हत्थे चढ़ा है. अब सवाल ये भी उठने लगा है कि अगर इरफान इस तरह के मामलों में शामिल था तो वह PM मोदी के मंच तक कैसे पहुंच गया. क्या SPG और PM मोदी की सिक्योरिटी में लगी एजेंसियां इस बात को मालूम नहीं कर सकीं ?
राजकोट में भी पीएम के साथ साझा किया था मंच
प्रधानमंत्री के साथ जिन दो कार्यक्रमों में इरफान ने मंच साझा किया था, उनमें से एक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और दूसरा गुजरात के राजकोट में हुआ था. राजकोट में कार्यक्रम 29 जून 2017 को हुआ था. दिव्यांगों के लिए हुए इस कार्यक्रम में इरफान ने PM मोदी के भाषण को साइन लैंग्वेज में ट्रांसलेट किया था. मतलब जो लोग सुन नहीं सकते थे, उन्हें PM मोदी के भाषण को इशारों में समझाया था.
दूसरा कार्यक्रम प्रयागराज में 29 फरवरी 2020 को हुआ. यहां भी इरफान ही PM मोदी का ट्रांसलेटर बनकर आया था. कार्यक्रम के बाद PM मोदी इरफान के पास पहुंचे और उसकी पीठ थपथपाई थी. इरफान ने तब मीडिया को ये भी बताया था कि प्रधानमंत्री से प्रशंसा के दो शब्द मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. यह पल मुझे ताउम्र याद रहेगा.
एटीएस आईजी जीके गोस्वामी ने कहा-
एटीएस आईजी जीके गोस्वामी का कहना है कि इरफान शेख आपराधिक गतिविधियों में शामिल था. उसे साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. इरफान ने किसके साथ, कब और कहां मंच साझा किया यह हमारी तफ्तीश का विषय नहीं है. प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, इस बारे में बाल कल्याण मंत्रालय ही बेहतर बता सकता है. इस मामले में अभी और जांच चल रही है.
एटीएस का दावा- इरफान मूक बधिर बच्चों का कराता था धर्मांतरण
बीते मंगलवार को यूपी एटीएस (UP ATS) ने प्रेस नोट जारी किया. बताया कि इरफान हिंदू और दूसरे धर्म के मूक-बधिर बच्चों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करता था. बच्चों से दूसरे धर्म की बुराइयां करता था और उन्हें भड़काता था. यही नहीं मूक-बधिर बच्चों की सूची भी धर्मांतरण कराने वाले मौलाना उमर गौतम और जहांगीर आलम को उपलब्ध कराता था.
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इरफान शेख घर में सबसे छोटा है, भाई ने बताई पूरी कहानी
तीन भाइयों में इरफान शेख सबसे छोटा है. मूल रूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के सिरसाला गांव के जायकवाडी मोहल्ले का रहने वाला है. यहां इरफान का टीनशेड का बना घर है. इरफान के पिता ख्वाजा खान एसटी महामंडल में मैकेनिक की नौकरी करते थे. 7 साल पहले उनकी मौत हो गई थी. नौकरी करते हुए ख्वाजा खान ने परली वैजनाथ शहर के आजादनगर इलाके में मकान ले लिया था. इरफान का जन्म 1986 में यहीं पर हुआ था.
जानकारी देते हुए इरफान के भाई फरखान ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई परली के बिलाल उर्दू स्कूल से हुई. इसके बाद सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी एजुकेशन परली के वैद्यनाथ कॉलेज से पूरी की. साल 2013 में इरफान की चाइल्ड वेलफेयर मिनिस्ट्री में नौकरी लग गई. 2015 में उसकी शादी हुई. फरखान के मुताबिक, इरफान दिव्यांग बच्चों के लिए काफी काम करता है. गांव वाले भी इरफान की काफी तारीफ करते हैं.