प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वर्ष 2023-24 चुनाव के लिए इस बार 86 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ. हाईकोर्ट के बाइलॉज में संशोधन करने के बाद या पहला चुनाव था, जिसमें रिकॉर्ड मतदान हुआ. मतदान पूरी तरीके से शांतिपूर्ण रहा और सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक मतदान स्थल पर वकीलों का तांता लगा रहा. उप चुनाव अधिकारी वशिष्ठ तिवारी ने बताया की बार एसोसिएशन के चुनाव में इस बार कुल 86.7 फ़ीसदी मतदान हुआ है. चुनाव में कुल 8501 मतदाता थे, जिनमें से 7362 मतदाताओं ने वोट डाले. मतदान सुबह 9:00 बजे शुरू हो गया था जो कि शाम 5:00 बजे तक जारी रहा मतदान के लिए कुल 17 बूथ बनाए गए थे. जबकि तीन अन्य बूथ अलग से बनाए गए थे ताकि भीड़ बढ़ने पर उसे नियंत्रित किया जा सके. वोट डालने के लिए वकीलों के बैठने हेतु करीब 200 केबिन बनाए गए थे.
पूरा चुनाव सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुआ तथा कहीं से कोई अप्रिय घटना या वारदात सामने नहीं आई. मतदान के बाद मत पेटियां सीलबंद करके बार एसोसिएशन में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. चुनाव अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को रेस्ट रहेगा तथा मतपत्रों की छटाई का काम बुधवार से शुरू होगा. इसके बाद मतगणना का काम होगा. मतगणना सिर्फ दिन में कराई जाएगी या दिन और रात दोनों में जारी रहेगी. इस पर अभी चुनाव समिति ने कोई निर्णय नहीं लिया है. वशिष्ट तिवारी ने कहा कि जल्द ही इस पर बैठक करके निर्णय ले लिया जाएगा कि मतगणना कराने का प्रारूप क्या होगा.
इस बार नहीं लगे पंडाल
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ कि प्रत्याशियों की ओर से लगाए जाने वाले बड़े-बड़े पंडाल नदारद रहे आम तौर पर चुनाव में प्रत्याशी बड़े-बड़े पंडाल लगाते हैं, जिनमें पूडी सब्जी से लेकर नाश्ते और पानी चाय आदि की व्यवस्था रहती है, ताकि वह अपने समर्थकों के आराम करने व खाने-पीने का इंतजाम कर सकें मगर इस बार निर्वाचक मंडल के कड़े रुख के कारण किसी भी प्रत्याशी ने सड़क पर पंडाल नहीं लगाया. हालांकि कुछ लोगों ने अपने स्तर से पूरी सब्जी आदि के पैकेट की व्यवस्था कर समर्थकों के बीच में वितरित किए.
प्रचार के तरीके में आया बदलाव
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में प्रत्याशियों के प्रचार के तरीके में भी बदलाव देखने को मिला आमतौर पर परंपरागत तरीके से किया जाना प्रचार किए जाने वाला प्रचार तो रहा ही इसके साथ ही बार एसोसिएशन की ओर से प्रत्याशियों के डिजिटल प्रचार की भी व्यवस्था की गई थी, जिसमें सभी प्रत्याशियों का वोटर क्रमांक वह उनकी तस्वीर और पदाधिकारियों का क्रमांक स्क्रीन पर दिखाया जा रहा था. ऐसा इसलिए किया गया ताकि कॉरिडोर में प्रत्याशियों के पचावर की वजह से होने वाले अवरोध को कम किया जा सके इस बार कार्य डोर में जुलूस निकालने पर भी पाबंदी थी, जिसकी कढ़ाई से निगरानी की गई.