गंगा में मनमानी करने पर जा चुकी है 5 दिन में 6 युवकों की जान प्रयागराज: जनपद में इन दिनों पारा 45 डिग्री को पार कर चुका है. ऐसे में भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अपने-अपने तरीके से जतन कर रहे हैं. जबकि बहुत से लोग आसमान से बरसती आग से बचने के लिए नदियों का सहारा लेते हैं. लेकिन, गर्मी से राहत पाने के चक्कर में गंगा नदी में खिलवाड़ करना युवाओं को भारी पड़ रहा है. प्रयागराज में बीते चार दिनों में 6 युवक गंगा नदी में समा है. अलग-अलग तीन घाटों पर हुए इस हादसे में जान गंवाने वाले 6 युवकों में से दो इंजीनियरिंग के छात्र थे. तो दो बारहवीं के छात्र थे, जबकि दो युवक एमपी से घूमने के लिए प्रयागराज आए थे और नहाते समय पानी में मनमानी करना उन्हें मंहगा पड़ गया.
18 मई को इंजीनियरिंग के 2 छात्र डूबे: प्रयागराज में 18 मई को शिवकुटी इलाके में दो युवक दीपेंद्र और विकास मौर्या गंगा में नहाते समय डूब गए थे. दोनों युवक एमएनएनआईटी से इंजीनियरिंग करने वाले छात्र थे. दोनों युवक गर्मी की वजह से गंगा में स्नान करने पहुंचे थे. उसी दौरान काफी देर तक दोनों दोस्त गंगा में नहाते रहे, इसी बीच वो नदी में अठखेलियां करते हुए काफी आगे तक चले गए. तैरना न जानने के बावजूद दोनों युवक गंगा नदी की बीच धारा तक पहुंच गए. नदी में पानी का स्तर कम होने की वजह से आगे बढ़ते गए. इसी दौरान विकास डूबने लगा जिसे बचाने के चक्कर में दीपेंद्र भी बीच धारा में फंस गया. एक दूसरे को बचाने के चक्कर में दोनों दोस्त गंगा नदी की गहराई में समा गए और उनकी जान चली गई.
12 वीं के 2 छात्र फाफामऊ घाट पर गंगा में डूबे: 18 मई को शिवकुटी में गंगा घाट पर दो इंजीनियरिंग के छात्र डूबे थे. उसी के दो दिन बाद 20 मई को फाफामऊ घाट पर बारहवीं के दो छात्र कृष्णा और चाहत गंगा में डूब गए. दोनों युवक दोपहर के समय घर से निकले और फाफामऊ के गंगा घाट पर पहुंच गए. गर्मी से बेहाल दोनों दोस्त गंगा नदी में नहाने लगे. इसी दौरान दोनों दोस्त गंगा नदी में खेलते हुए आगे तक निकल गए. इस दौरान उन्हें नदी में जलस्तर कम होने की वजह से गहराई का अंदाजा नहीं लगा और दोनों गहरे पानी में चले गए. जब तक किनारे मौजूद लोग उनकी आवाज सुनकर उन्हें बचाने पहुंचते, तब तक दोनों छात्र नदी में डूब चुके थे. गंगा में स्नान करते श्रद्धालु एमपी से आए दो युवक संगम में डूबे: 22 मई को प्रयागराज में संगम तट पर 2 युवक गंगा नदी में डूब गए. दोनों युवक मध्य प्रदेश के सतना जिले से आए थे. सतना से गोविंद और आदित्य अपने दोस्तों के साथ संगम स्नान करने आये हुए थे. इसी दौरान वो लोग डीप वाटर बैरिकेडिंग को पार करके गंगा नदी में आगे तक स्नान करते हुए पहुंच गए. घाट पर मौजूद नाविकों और पुरोहितों ने भी उन युवकों को पानी मे मस्ती करने पर रोका टोका था लेकिन दोनों ने किसी की नहीं सुनी. जिसके बाद युवकों का दल नाविकों की बात सुनने की जगह उनसे उलझने लगा था. काफी देर तक पानी में नहाने और खेलने के दौरान दो युवक गंगा नदी में डूबने लगे. जब तक मौके पर जल पुलिस और गोताखोर पहुंचते तब तक दोनों युवक नदी की गहराई में समा चुके थे.गंगा में स्नान करते श्रद्धालु संगम पर जल पुलिस रहती है तैनात: संगम तट पर जल पुलिस चौकी बनी हुई है. जल पुलिस चौकी में दारोगा से लेकर सिपाही और पीएसी के जवान तक तैनात हैं. जल पुलिस के ये जवान गंगा यमुना में नाव और मोटर बोट पर तैनात रहते हैं. साथ ही पानी में गोताखोर की टीम भी तैनात रहती है. लेकिन इन सब के बावजूद संगम पर हादसे में दो युवक डूब गए. जिसको लेकर जल पुलिस की तैनाती पर सवाल खड़े होने लगे. इस सवाल पर जल पुलिस के प्रभारी कड़ेदीन यादव का कहना है कि संगम के साथ ही दूसरे घाटों पर भी जल पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की सुरक्षा को लेकर जल पुलिस हमेशा प्रयासरत रहती है. उनका कहना है कि नदी में गहरे पानी की तरफ जाने पर रोका टोका जाता रहता है. लेकिन उसके बावजूद कई बार कुछ उत्साही युवा डीप वाटर बैरिकेडिंग को भी पार कर जाते हैं. उसी में कभी कभी हादसे भी हो जाते हैं. इसके साथ ही जल पुलिस की तरफ से लोगों से अपील भी की गई है कि सभी लोग तय घाटों पर ही स्नान करें. इसके साथ ही घाट पर गहरे पानी मे न जाएं, जहां पर नदी में डीप वाटर बैरिकेडिंग लगी है वहां उसके अंदर रहकर ही गंगा में स्नान करें.प्रयागराज में गंगा घाट पर स्नान करते बच्चे चेतावनी न मानने वाले होते हैं हादसे का शिकार: संगम तट पर मौजूद नाविक और घाट लगाने वाले पुरोहितों का कहना है कि जो भी लोग चेतावनी नहीं मानते अक्सर उनके साथ ही घटना होती है. संगम तट पर घाट लगाने वाले पुरोहितों का कहना है कि संगम पर अक्सर काफी छात्र स्नान करने आते हैं. ये लोग अक्सर पानी में खेलते रहते हैं. मना करने या टोकने के बावजूद वो कई घंटे तक पानी में खेलकूद और मस्ती करते रहते हैं. कई बार तो ये छात्र नदी में हैंडबॉल तक खेलने लग जाते हैं. जब उन्हें रोका टोका जाता है तब वो उलझने लगते हैं. कई बार ऐसे ही युवक हादसों का शिकार हो जाते हैं. साथ ही उनका कहना है कि घाट पर लगे बैरिकेडिंग को पार करके उधर नहाने वालों को हमेशा टोका जाता है, लेकिन बहुत से युवा किसी की नहीं सुनते हैं और उन्हें पानी से खिलवाड़ करने मंहगा भी पड़ जाता है.प्रयागराज में गंगा घाट पर स्नान करते बच्चे
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