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नैनी जेल से पैरोल पर गए 39 कैदियों में से 27 लापता - पैरोल पर छूटे 39 कैदी

कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में ही प्रदेश सरकार ने जिला कारागार के ऐसे कैदियों को पैरोल देने का निर्णय लिया था, जिन्हेें सात वर्ष से कम की सजा सुनाई गई थी. जिला कारागार प्रशासन ने 39 कैदी चिह्नित किए थे. अब कैदियों की पैरोल अवधि खत्म हो चुकी है. इसके बाद भी अभी तक पैरोल पर छूटे 39 कैदियों में से 12 ही वापस जिला कारागार पहुंचे हैं.

39 कैदियों में से 12 वापस पहुंचे जिला कारागार.
39 कैदियों में से 12 वापस पहुंचे जिला कारागार.
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Published : Nov 30, 2020, 12:41 PM IST

Updated : Nov 30, 2020, 1:41 PM IST

प्रयागराज : जिले के नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना महामारी के चलते शासन के आदेश के बाद मई में पैरोल पर छोड़े गए सिद्ध दोष बंदियों को जेल में वापसी का फरमान आ चुका है. इसके लिए 21 नवंबर से 23 नवंबर के बीच में जेल में आमद कराने की समय अवधि दी गई थी. लेकिन अब तक पैरोल पर रिहा किए गए कुल 39 कैदियों में से 12 ही आमद करा पाए हैं. बाकी कैदी कहां हैं, यह बताने वाला कोई नहीं है. इसको लेकर जेल प्रशासन काफी परेशान है.

39 कैदियों में से 12 वापस पहुंचे जिला कारागार.

दरअसल कोरोना संक्रमण के दौरान जेल में बंद विचाराधीन 442 बंदियों को न्यायालय के जरिए मई से लेकर जुलाई के मध्य जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं शासन के आदेश पर नैनी जिला कारागार में बंद 39 ऐसे कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था, जिन्हें 7 साल से 10 साल तक की सजा हुई थी. कोरोना महामारी जैसे-जैसे बढ़ी इन कैदियों की पेरोल भी बढ़ा दी गई. 20 नवंबर को शासन से आदेश आया कि पैरोल पर रिहा बन्दियों को तीन दिन के अंदर वापस जेल लाया जाए. इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से सभी 39 कैदियों को फोन औऱ अन्य संसाधनों से सूचना पहुंचाने की कोशिश की गई. इसमें कुछ लोगों से ही संपर्क हो पाया है.

इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने जिला कारागार के ऐसे कैदियों को पैरोल देने का निर्णय लिया था, जिन्हेें सात वर्ष से कम की सजा सुनाई गई थी। जिला कारागार प्रशासन ने 27 कैदी चिह्नित किए थे। बीच-बीच में पैरोल की अवधि बढ़ती रही। 16 नवंबर को सभी 27 कैदियों की पैरोल अवधि खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी अभी तक पैरोल पर छूटे 27 कैदियों में से 13 ही वापस जिला कारागार पहुंचे हैं.

वहीं शासन की समयावधि बीत जाने के कारण अब जेल प्रशासन की नींद उड़ गई है. क्योंकि पैरोल पर रिहा 39 में से 12 कैदी खुद समर्पण कर चुके हैं लेकिन बाकियों का कुछ अता पता नहीं है. इसको लेकर जेल प्रशासन ने संबंधित जिले के एसएसपी और मजिस्ट्रेट को पत्र लिख मदद मांगी है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि समयावधि तक न समर्पण करने वाले बन्दियों पर विधिक कार्यवाही की जाएगी. साथ ही उनको अब दोबारा पैरोल नहीं दिया जाएगा, चाहे जो भी स्थिति हो. जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी की कार्यवाही भी की जाएगी.

प्रयागराज : जिले के नैनी सेंट्रल जेल में कोरोना महामारी के चलते शासन के आदेश के बाद मई में पैरोल पर छोड़े गए सिद्ध दोष बंदियों को जेल में वापसी का फरमान आ चुका है. इसके लिए 21 नवंबर से 23 नवंबर के बीच में जेल में आमद कराने की समय अवधि दी गई थी. लेकिन अब तक पैरोल पर रिहा किए गए कुल 39 कैदियों में से 12 ही आमद करा पाए हैं. बाकी कैदी कहां हैं, यह बताने वाला कोई नहीं है. इसको लेकर जेल प्रशासन काफी परेशान है.

39 कैदियों में से 12 वापस पहुंचे जिला कारागार.

दरअसल कोरोना संक्रमण के दौरान जेल में बंद विचाराधीन 442 बंदियों को न्यायालय के जरिए मई से लेकर जुलाई के मध्य जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वहीं शासन के आदेश पर नैनी जिला कारागार में बंद 39 ऐसे कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था, जिन्हें 7 साल से 10 साल तक की सजा हुई थी. कोरोना महामारी जैसे-जैसे बढ़ी इन कैदियों की पेरोल भी बढ़ा दी गई. 20 नवंबर को शासन से आदेश आया कि पैरोल पर रिहा बन्दियों को तीन दिन के अंदर वापस जेल लाया जाए. इसके बाद जेल प्रशासन की ओर से सभी 39 कैदियों को फोन औऱ अन्य संसाधनों से सूचना पहुंचाने की कोशिश की गई. इसमें कुछ लोगों से ही संपर्क हो पाया है.

इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने जिला कारागार के ऐसे कैदियों को पैरोल देने का निर्णय लिया था, जिन्हेें सात वर्ष से कम की सजा सुनाई गई थी। जिला कारागार प्रशासन ने 27 कैदी चिह्नित किए थे। बीच-बीच में पैरोल की अवधि बढ़ती रही। 16 नवंबर को सभी 27 कैदियों की पैरोल अवधि खत्म हो चुकी है। इसके बाद भी अभी तक पैरोल पर छूटे 27 कैदियों में से 13 ही वापस जिला कारागार पहुंचे हैं.

वहीं शासन की समयावधि बीत जाने के कारण अब जेल प्रशासन की नींद उड़ गई है. क्योंकि पैरोल पर रिहा 39 में से 12 कैदी खुद समर्पण कर चुके हैं लेकिन बाकियों का कुछ अता पता नहीं है. इसको लेकर जेल प्रशासन ने संबंधित जिले के एसएसपी और मजिस्ट्रेट को पत्र लिख मदद मांगी है. वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि समयावधि तक न समर्पण करने वाले बन्दियों पर विधिक कार्यवाही की जाएगी. साथ ही उनको अब दोबारा पैरोल नहीं दिया जाएगा, चाहे जो भी स्थिति हो. जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी की कार्यवाही भी की जाएगी.

Last Updated : Nov 30, 2020, 1:41 PM IST
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