प्रयागराज: कोरोना संक्रमण की वजह से जिला न्यायालय 26 अगस्त तक बंद कर दिया गया था. ऐसे में कई मामलों में सीधे हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. वरिष्ठ अधिवक्ता एसएन नसीम ने बताया कि 21 अप्रैल को करेली के महबूबा पैलेस से पुलिस ने कई जमातियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. जिसमें से 7 इंडोनेशियाई और 9 थाईलैंड जमातियों के मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने दिया.
दिल्ली मरकज निजामुद्दीन से आए थे जमाती
वरिष्ठ अधिवक्ता एसएन नसीम ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश में तीन महीने का सम्पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था. तभी मरकज निजामुद्दीन दिल्ली से विदेशी जमाती प्रयागराज पहुंचे थे. ऐसे में विदेशी जमातियों के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर शाहगंज थाने में दर्ज कराई गई थी. जिसमें धारा 188, 269, 270, 271 आईपीसी 3 महामारी अधिनियम और 14 बी, 14 सी में एफआईआर दर्ज की गई थी.
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में 7 विदेशियों सहित 17 लोगों के विरुद्ध नामजद एफआईआर की गई थी. इसके बाद इलाहाबाद विश्विद्यालय के प्रोफेसर मो. शाहिद को भी 120 बी का आरोपी बनाया गया था. करेली थाने में इन्हीं धाराओं में मस्जिद हेरा में ठहरे 9 थाईलैंड के जमातियों और मस्जिद इमाम उजैफा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. हेरा मस्जिद के इमाम उजैफा और अनुवादकों समेत कई लोगों को पहले निचली अदालत से जमानत मिल गयी थी. मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 विदेशी जमातियों की जमानत मंजूर करते हुए उनको जेल रिहा करने का आदेश दिया.