प्रतापगढ़ः जिला पुरुष अस्पताल में एक महिला को स्ट्रेचर नहीं मिला तो पति को उसने अपने कंधे पर बिठा लिया. जिला अस्पताल में डॉक्टरों से इलाज के बाद उसने वहीं बने काउंटर से दवा भी ली. इस दौरान महिला अपने पति को कंधे पर लादे फिरती रही. सबसे बड़ी बात यह कि लाखों-करोड़ों खर्च करने के बाद बेहतर इलाज और सुविधा देने दावा करने वाले स्वास्थ्य महकमे के पास इस दौरान एक भी स्ट्रेचर नहीं था. साथ ही ड्यूटी पर तैनात वार्ड बॉय ने और न ही डॉक्टरों ने इस महिला के साथ मानवीय संवेदना दिखाई.
पति का टूटा है हाथ-पैर
अमेठी की रहने वाली शोभा के पति 6 महीने पहले पेड़ से गिर गए थे. इस हादसे में शोभा के पति के हाथ और पैर में फ्रैक्चर हो गया था. इतना ही नहीं इस घटना में घायल होने के साथ ही उनके पति की आवाज भी चली गई यानी वे बेजुबान तक हो गए. उन पर सितम यह हुआ कि लॉकडाउन के कारण इलाज में देरी हुई. अब इलाज की उम्मीद में हॉस्पिटल किसी तरह पहुंच गए, मगर यहां इलाज से पहले अव्यवस्था का एक और दर्द झेलना बाकी था. जिला अस्पताल में व्यवस्था की लापरवाही का आलम यह कि यहां शोभा को स्ट्रेचर तक नहीं मिला, जिस पर वे अपने पति को लेकर जा पाएं. शोभा का आरोप है कि पति को कंधे पर लाद डॉक्टर के पास तक लेकर गई, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने कोई भी मदद नहीं की.
वीडियो हो रहा वायरल
पति को कंधे पर लादकर चल रही इस महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. साथ ही प्रतापगढ़ जिला अस्पताल की बदहाली उजागर हुई. भले ही मानवता इन तस्वीरों को देखकर शर्मिंदा हो उठे, लेकिन इस तस्वीरों की बानगी से अस्पताल प्रशासन को कोई गम नहीं है.
अधिकारी झाड़ रहे पल्ला
जिला अस्पताल के सीएमएस पी.पी. पाण्डेय का कहना है कि महिला के द्वारा मदद ही नहीं मांगी गई. अस्पताल में 8 स्ट्रेचर हैं और यहां 500 मरीज रोजाना आते हैं. उन्होंने सफाई पेश करते हुए कहा कि हो सकता है कि स्ट्रेचर खाली नहीं रहा होगा. उन्होंने कहा कि महिला को 10 मिनट का इंतजार करना चाहिए था.
जिला अस्पताल में महिला का अपने पति को कंधे पर उठाकर इलाज कराने का मामला हैरान तो करता ही है. साथ ही यह उस सिस्टम के लिए नजीर भी है, जो बेहतर स्वास्थ्य की दुहाई देता है. जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की इससे बड़ी तस्वीर नहीं हो सकती. वहीं इस मामले में अब जिले के स्वास्थ्य अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.