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प्रतापगढ़: साफ पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे ताला गांव के लोग

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में ताला गांव में लोग पीने पानी के लिए तरस रहे हैं. पूरे गांव में मात्र एक कुंआ है, जिससे ग्रामीण पानी भरते हैं. मामले पर प्रशासन की ओर से अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे ताला गांव के लोग
पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे ताला गांव के लोग
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Published : Oct 11, 2020, 12:31 PM IST

प्रतापगढ़: जिले मुख्यालय से महज सात किलोमीटर पर बाबा बेलखरनाथ विकास खण्ड में स्थित ताला गांव में लोग पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां गांव के सैकड़ों घरों में पानी एक ही नल से जाता है. ऐसे में लोगों को पीने का पानी भरने लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.

सदर तहसील क्षेत्र के ताला गांव के लोगों का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों ने नदी के किनारे नल लगवाया है. लेकिन, जब नदी में पानी बढ़ जाता है तो लोग गांव के बीचे बीच बने कुंए से पीने का पानी भरते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और विभागीय अधिकारियों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया. बावजूद इसके पानी की समस्या दूर करने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई काम नहीं किया गया. सरकार की योजनाएं सिर्फ दिखावे के लिए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान या राजनेता चुनाव के समय ही उनके दरवाजे पर आते हैं और बड़े बड़े वादे करते हैं. चुनाव के बाद ग्रामीणों की समस्या के लिए कोई नेता दिखाई नहीं देता है. ऐसे में ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

मामले पर डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. इस मसले पर जल्द ही काम किया जाएगा. गांव में रिबोर व नल की व्यवस्था की जाएगी.

प्रतापगढ़: जिले मुख्यालय से महज सात किलोमीटर पर बाबा बेलखरनाथ विकास खण्ड में स्थित ताला गांव में लोग पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां गांव के सैकड़ों घरों में पानी एक ही नल से जाता है. ऐसे में लोगों को पीने का पानी भरने लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.

सदर तहसील क्षेत्र के ताला गांव के लोगों का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों ने नदी के किनारे नल लगवाया है. लेकिन, जब नदी में पानी बढ़ जाता है तो लोग गांव के बीचे बीच बने कुंए से पीने का पानी भरते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और विभागीय अधिकारियों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया. बावजूद इसके पानी की समस्या दूर करने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई काम नहीं किया गया. सरकार की योजनाएं सिर्फ दिखावे के लिए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान या राजनेता चुनाव के समय ही उनके दरवाजे पर आते हैं और बड़े बड़े वादे करते हैं. चुनाव के बाद ग्रामीणों की समस्या के लिए कोई नेता दिखाई नहीं देता है. ऐसे में ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

मामले पर डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. इस मसले पर जल्द ही काम किया जाएगा. गांव में रिबोर व नल की व्यवस्था की जाएगी.

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