प्रतापगढ़ः रामचरितमानस को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. बुधवार को सपा विधायक के समर्थकों ने संविधान बचाओ जुलूस निकालकर जिलाधिकारी को पत्र सौंपने जा रहे थे. इसी दौरान कचहरी पहुंचे जुलूस का वकीलों ने विरोध किया, जिसके बाद सपा विधायक के समर्थकों और वकीलों के बीच मारपीट हो गई. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया.
दरअसल सपा विधायक आरके वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में ट्वीट कर रामचरितमानस से कुछ चौपाई हटाने और पाट्यक्रम से तुलसीदास को हटाने की मांग की थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि "तुलसीदास भेदभाव, ऊँचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे, जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं, उससे आज का पिछड़ा,अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है, ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए"
सपा विधायक के इस ट्वीट के बाद सपा विधायक के इस ट्वीट और बयान के बाद उनका भाजयुमो ने मंगलवार को शव यात्रा निकालकर पुतला दहन किया था. जिसके बाद बुधवार को सपा विधायक के समर्थक संविधान बचाओ जुलूस निकाल कर जिलाधिकारी को पत्र सौंपने जा रहे थे. इसी दौरान कलेक्ट्रेट के पास समर्थकों के बीच मारपीट होने लगी. सपा विधायक के समर्थको का आरोप है कि कचहरी में कुछ वकीलों ने जुलूस का विरोध किया, जिसको लेकर विवाद शुरु हो गया.
गौरतलब है कि इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाने का प्रयास के बावजूद समर्थक मानने को तैयार नहीं हुए जिसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. पुलिस की कार्रवाई से भगदड़ मच गई. जानकारी के मुताबिक मारपीट में कई समर्थक घायल हो गए हैं. वहीं, पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है. मौके पर एसपी सतपाल अंतिल ने मौके पर पहुंचकर घटना का जायजा लिया. इस दौरान सपा विधायक आरके वर्मा के बयान से नाराज लोगों ने उनका पुतला दहन किया और संविधान बचाओ जुलूस के पोस्टर बैनर को भी जला दिया. वहीं, सीओ सिटी सुबोध गौतम ने बताया कि वहीं कचहरी परिसर में दो पक्षों में विवाद की जानकारी मिली थी. पुलिस ने शांति भंग के मामले में कार्रवाई की है.
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