प्रतापगढ़: जनपद के सरकारी अस्पतालों में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र बंद होंगे. प्रदेश सरकार ने सीएमओ को पत्र भेजकर अस्पताल परिसर में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का लाइसेंस निरस्त होने का आदेश दिया है. ऐसे में अब मरीजों को सरकारी अस्पतालों से सस्ती दर पर दवाएं नहीं मिल सकेंगी. चिकित्सकों की सलाह के बाद उन्हें बाजार से ही दवा खरीदनी पड़ेगी. शासन के आदेश के बाद जन औषधि केंद्र संचालकों में हड़कंप मच गया है.
स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार जिले में सात प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन हो रहा है. इनमें से जिला महिला अस्पताल, जिला अस्पताल और रानीगंज अस्पताल परिसर में ही जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं. बाकी अस्पताल गेट पर तो कहीं बाजार में खुले हैं. इन केंद्रों पर मरीजों को कम दामों में जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करानी थीं, लेकिन ज्यादातर औषधि केंद्र संचालक बाहर से दवाएं बेच रहे हैं और मरीजों को पूरी दवाएं भी उपलब्ध नहीं कराई का रही है.
इन्हीं सब मामलों को देखते हुए शासन ने जिला व महिला अस्पताल के साथ ही रानीगंज सीएचसी के प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का लाइसेंस निरस्त करने के लिए सीएमओ को आदेश दिया है. शासन के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी हैरत में हैं. उनका कहना है कि पीएम जन औषधि केंद्र से मरीजों को मिलने वाली दवाएं सस्ती होती हैं, बाजार के दाम के मुकाबले से आधे से भी ज्यादा का अंतर होता है.
जिला व महिला अस्पताल के साथ रानीगंज सीएचसी में खुले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का लाइसेंस निरस्त करने के लिए शासन ने ड्रग इंस्पेक्टर को आदेश दिया है. आदेश की कॉपी मेरे पास भी आई है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा नोटिस देकर इन्हें खाली कराया जाएगा. इस मामले में शासन को शिकायत मिली थी कि इन केंद्रों पर बाहर की महंगी दवाई बेची जाती थी. कुछ बड़े डॉक्टरों के संपर्क से खेल होता था.
-डॉ. एके श्रीवास्तव, सीएमओ