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प्रतापगढ़: DM ने बाल गृह शिशु की व्यवस्थाओं का लिया जायजा, दिए निर्देश

प्रतापगढ़ जिलाधिकारी ने सोमवार को बाबा राम उदित सेवा संस्थान (दत्तक गृहण इकाई) शुकुलपुर का जायजा लिया, जहां बाल संरक्षण समिति के निर्देश पर लावारिश पाए गए 0 से 10 वर्ष के बच्चे इस बाल गृह में पालन-पोषण के लिए रखे जाते हैं. इस दौरान जिलाधिकारी ने आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.

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Published : Jun 23, 2020, 9:06 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

बाल गृह शिशु का निरीक्षण करते डीएम.
बाल गृह शिशु का निरीक्षण करते डीएम.

प्रतापगढ: जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार ने सोमवार को बाल गृह शिशु के लिए संचालित बाबा राम उदित सेवा संस्थान (दत्तक गृहण इकाई) शुकुलपुर का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान हाउस फादर रत्नेश शुक्ल ने बताया कि बाल गृह शिशु में सात बालिकाओं का पालन-पोषण किया जा रहा है, जिसमें अदिति उम्र 1.5 वर्ष की दत्तक गृहण की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है और जय छह माह, अर्पिता दो माह, अर्पित 1.5 वर्ष की दत्तक गृहण प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त निशा 10 वर्ष, कुसुमा 9 वर्ष, आदित्य 6 वर्ष बाल गृह में रह रहे हैं.

प्रभारी प्रोवेशन अधिकारी ने बताया गया कि बाल संरक्षण समिति के निर्देश पर अज्ञात-लावारिश पाए गए 0 से 10 वर्ष के बच्चे इस बाल गृह में पालन पोषण हेतु रखे जाते हैं और संस्थान की ओर से पौष्टिक भोजन एवं समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है. जिलाधिकारी ने प्रभारी प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा को निर्देशित किया कि एक डाक्टर की सुविधा आपातकालीन स्थिति के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहनी चाहिए और नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना चाहिए.

बच्चों को डॉक्टर की तरफ से निर्धारित डाइट दी जाए और उनके लिए खिलौने भी रखें जाएं, जिससे वे खेल-खेल में पढ़ाई भी कर सकें और मानक के अनुसार बच्चों को सुविधायें उपलब्ध कराई जाएं. निरीक्षण के समय बाल गृह की अधीक्षिका रत्ना यादव, रत्नेश शुक्ल हाउस फादर, छाया शुक्ला स्टोर कीपर, स्मृति मिश्रा अध्यापिका, कमलाकान्त शुक्ल प्रबन्धक, सर्वेश शुक्ला मैनेजर (दत्तक गृहण इकाई) आदि उपस्थित रहे.

प्रतापगढ: जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार ने सोमवार को बाल गृह शिशु के लिए संचालित बाबा राम उदित सेवा संस्थान (दत्तक गृहण इकाई) शुकुलपुर का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान हाउस फादर रत्नेश शुक्ल ने बताया कि बाल गृह शिशु में सात बालिकाओं का पालन-पोषण किया जा रहा है, जिसमें अदिति उम्र 1.5 वर्ष की दत्तक गृहण की प्रक्रिया पूर्ण हो गई है और जय छह माह, अर्पिता दो माह, अर्पित 1.5 वर्ष की दत्तक गृहण प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. इसके अतिरिक्त निशा 10 वर्ष, कुसुमा 9 वर्ष, आदित्य 6 वर्ष बाल गृह में रह रहे हैं.

प्रभारी प्रोवेशन अधिकारी ने बताया गया कि बाल संरक्षण समिति के निर्देश पर अज्ञात-लावारिश पाए गए 0 से 10 वर्ष के बच्चे इस बाल गृह में पालन पोषण हेतु रखे जाते हैं और संस्थान की ओर से पौष्टिक भोजन एवं समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है. जिलाधिकारी ने प्रभारी प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा को निर्देशित किया कि एक डाक्टर की सुविधा आपातकालीन स्थिति के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहनी चाहिए और नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना चाहिए.

बच्चों को डॉक्टर की तरफ से निर्धारित डाइट दी जाए और उनके लिए खिलौने भी रखें जाएं, जिससे वे खेल-खेल में पढ़ाई भी कर सकें और मानक के अनुसार बच्चों को सुविधायें उपलब्ध कराई जाएं. निरीक्षण के समय बाल गृह की अधीक्षिका रत्ना यादव, रत्नेश शुक्ल हाउस फादर, छाया शुक्ला स्टोर कीपर, स्मृति मिश्रा अध्यापिका, कमलाकान्त शुक्ल प्रबन्धक, सर्वेश शुक्ला मैनेजर (दत्तक गृहण इकाई) आदि उपस्थित रहे.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST
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