प्रतापगढ़: रानीगंज से बीजेपी विधायक धीरज ओझा बुधवार को डीएम आवास पर धरने पर बैठ गए. इसके बाद धीरज ओझा कुर्ता लहराते हुए सड़क पर लेट गए. इस दौरान पुलिस अधीक्षक और विधायक के बीच नोकझोंक भी हुई. विधायक ने प्रशासन पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. धीरज ओझा का कहना है कि वोटर लिस्ट से उनके समर्थकों का नाम हटा दिया गया है.
बीजेपी विधायक ने एसपी पर गोली मारने की धमकी देने का आरोप लगाया और डीएम के कार्यालय से फटे कपड़े में बाहर निकले. हंगामा करते हुए धीरज ओझा ने कहा कि साजिश के तहत शिवगढ़ ब्लॉक में दबंगों के प्रभाव से नाम हटाया गया है. विधायक धीरज ओझा ने प्रतापगढ़ एसपी आकाश तोमर पर मारपीट करने और गोली मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "मैंने कोई गलती नहीं की है. मुझे पीटा गया है."
विधायक धीरज ओझा ने मतदाता सूची में व्यापक धांधली का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ ऐसे लोग हैं जिन पर गुंडा एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन फिर भी कोई कारवाई नहीं हुई. धरना की जानकारी होते ही एडीएम शत्रोहन वैश्य मौके पर पहुंच गए.
डीएम ने मानी विधायक की मांग, सेक्रेटरी के ऊपर कार्रवाई
विधायक धीरज ओझा ने कहा कि "प्रतापगढ़ जिलाधिकारी ने मेरी सारे बातों को मान लिया है और कार्रवाई भी कर रहे हैं. वोटर लिस्ट में नाम सबका डाल दिया गया है. सेक्रेटरी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई हैै.
पुलिस अधीक्षक ने किया खंडन
पुलिस अधीक्षक ने बयान जारी कर मामले में सफाई दी है. उन्होंने कहा कि "आज कई जगह विधायक ओझा ने जिलाधिकारी आवास पर धरना दिए जाने की खबर चलवाई. वह डीएम आवास पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर डीएम के खिलाफ धरने पर बैठे थे, मेरे द्वारा दुर्व्यवहार करने का वह झूठा आरोप लगा रहे हैं. जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संपूर्ण घटनाक्रम में साथ में मौजूद थे. पूर मामले से पुलिस का कोई संबंध नहीं है.