प्रतापगढ़: कोरोना संक्रमण के कारण लोग गैर राज्यों से लगातार अपने घरों की ओर जा रहे हैं. महाराष्ट्र के नागपुर से बाइक सवार एक दंपति प्रतापगढ़-अमेठी सीमा पर पहुंचा तो पुलिस वालों ने उसे रोक लिया. बस्ती जिले के रहने वाले ये दंपति नागपुर जिले से आ रहे थे. इनके साथ दो छोटे बच्चे भी थे.
पुलिस ने जब उन्हें रोका तो बच्चों का वास्ता देकर वह जाने देने की फरियाद करने लगे. बॉर्डर पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की. इसके बाद सबकुछ ठीक देख उन्हें आगे जाने की अनुमति दी गई.
बस्ती जनपद के खातमसराय का रहने वाला सुरेंद्र कुमार यादव नागपुर में टाइल्स लगाने का काम करता था. कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडाउन में 36 दिन से पूरा परिवार घर में कैद था. खाने-पीने की सामग्री भी धीरे-धीरे समाप्त हो रही थी. मकान मालिक ने कमरा खाली करने का फरमान भी जारी कर दिया था.
भूखों मरने की नौबत सामने देख उसे कुछ नहीं सूझा. बच्चों की तड़प बर्दाश्त से बाहर होने पर 30 अप्रैल की रात सुरेंद्र परिवार के साथ बाइक से निकल पड़ा. दो बेटियों और पत्नी के साथ शनिवार की शाम वह प्रतापगढ़-अमेठी सीमा पर पहुंचा. यहां कोहड़ौर पुलिस ने उसे रोका तो वह अपने आंसू नहीं रोक सका. इसे देख पुलिस का दिल भी पिघल गया. जांच की औपचारिकता के बाद उन सबके खाने-पीने की व्यवस्था की गई. इसके बाद देर रात सुरेंद्र को सपरिवार भेज दिया गया.
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