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मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचसी तक मरीज गर्मी से परेशान, हाथ के पंखे और टेबल फैन का सहारा - प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज में गर्मी से मरीज परेशान

प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज से लेकर सीएचसी तक एक जैसे हालात हैं. मेडिकल कॉलेज के विभिन्न वार्डों में हाथ के पंखे, फर्राटा फैन और टेबल फैन के जरिए मरीजों के तीमारदार भीषण गर्मी से निजात पाने की जुगत करते हैं.

प्रतापगढ़ में अस्पतालों में लोग गर्मी से परेशान
प्रतापगढ़ में अस्पतालों में लोग गर्मी से परेशान
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Published : Jun 22, 2023, 9:36 AM IST

प्रतापगढ़ में अस्पतालों में लोग गर्मी से परेशान

प्रतापगढ़: प्रदेश में हीटवेव का कहर जारी है. लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में हीटवेव की वजह से लगातार बढ़ते मरीजों और मौतों को लेकर योगी सरकार एक्शन में आ गई है. सीएम योगी ने प्रदेश में लू की स्थिति से निपटने के लिए शासनादेश 3 मार्च और 18 जून का हवाला देते हुए 19 जून को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने सभी मंडलों व जिलों के सीएमओ, सीएमएस को पत्र जारी कर हीटवेव, लू से मरीजों को निजात दिलाने के लिए पांच बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है. इसके लिए कूलर, एसी आदि के साथ ही पानी और ड्रिप के समुचित उपाय करने को कहा है.

प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज के अलग-अलग वार्डों में मरीजों के तीमारदार हाथ के पंखे, टेबल फैन और फर्राटा फैन का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. अस्पताल में ज्यादातर कूलर बंद नजर आए. मेडिकल कॉलेज की इस व्यवस्था को लेकर सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल का कहना है कि सर्वप्रथम तो बताना चाहता हूं कि प्रतापगढ़ में लू से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई. जो भी मौतें हुई हैं, वह जनरल बीमारी से हुई हैं. समाचार पत्रों में छाप दिया गया था कि लू से 18 व्यक्तियों की मौत हुई है. जो पूरी तरह से फर्जी है. इस संबंध में बाकी जहां तक तैयारियों की बात है तो जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित हो चुका है. वार्ड में हर तरह की व्यवस्था की गई है.

कूलर, एसी आदि व्यवस्थाओं को लेकर सीएमओ ने बताया कि कुछ स्थानों पर एसी हैं. मरीजों के बैठने पर कूलर की हवा मिलती है. पूरे चिकित्सालय में तो एसी और कूलर लगाया जाना संभव नहीं है. लेकिन, ऐसी जगह हैं जहां मरीज बैठकर कूलर और एसी की हवा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीएचसी व पीएचसी की बात की जाए तो हर जगह विशेषकर कूलर की व्यवस्था है. ठंडे पेयजल की व्यवस्था है. आरो की व्यवस्था है. साथ ही वहां पर वायरस कॉर्नर बने हुए हैं. वहां पर पीने के पानी के साथ-साथ इलाज की सारी व्यवस्थाएं हैं. जहां पर एसी की जरूरत है, वहां एसी लगाया गया है. जहां एसी की व्यवस्था नहीं हो सकती, वहां कूलर की व्यवस्था कराई गई है.

मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सुरेश सिंह ने बताया कि हीटवेव का कोई पेशेंट नहीं आया. उन्होंने बताया कि पुराना सांस फूलने वाला मरीज हो, फेफड़े की बीमारी हो, कोई हार्ट का मरीज हो ऐसे मरीज की ऑलरेडी क्षमता कम होती है. ऐसे में हीटवेव झेलने की क्षमता कम होती है और उसकी चपेट में जल्द आ सकते हैं. हीटवेव से ऐसे कोई भी मरीज की उनके यहां डेथ नहीं हुई है. ऑडिट की प्रक्रिया हमारे यहां चल रही है. इसके लिए पूरी टीम गठित की गई है. अभी संज्ञान में एक बहुत पुराना करीब 60-70 की उम्र का पेशेंट था, सांस और दमा से पीड़ित था. उसकी मौत हुई है. हमारे यहां हर वार्ड में कूलर क्रियाशील हैं. पांच कूलर नए लगवाए हैं. 15 से 20 कूलर और लगाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके यहां 6 से 8 वार्ड हैं. अभी नए भवन में सिर्फ एक वार्ड फीमेल सर्जिकल वार्ड चल रहा है, बाकी अभी खाली हैं.

यह भी पढ़ें: गोरखपुर में डायरिया से 4 लोगों की मौत, जिला अस्पताल में नहीं मिल रहे बेड

प्रतापगढ़ में अस्पतालों में लोग गर्मी से परेशान

प्रतापगढ़: प्रदेश में हीटवेव का कहर जारी है. लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में हीटवेव की वजह से लगातार बढ़ते मरीजों और मौतों को लेकर योगी सरकार एक्शन में आ गई है. सीएम योगी ने प्रदेश में लू की स्थिति से निपटने के लिए शासनादेश 3 मार्च और 18 जून का हवाला देते हुए 19 जून को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने सभी मंडलों व जिलों के सीएमओ, सीएमएस को पत्र जारी कर हीटवेव, लू से मरीजों को निजात दिलाने के लिए पांच बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है. इसके लिए कूलर, एसी आदि के साथ ही पानी और ड्रिप के समुचित उपाय करने को कहा है.

प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज के अलग-अलग वार्डों में मरीजों के तीमारदार हाथ के पंखे, टेबल फैन और फर्राटा फैन का इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. अस्पताल में ज्यादातर कूलर बंद नजर आए. मेडिकल कॉलेज की इस व्यवस्था को लेकर सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल का कहना है कि सर्वप्रथम तो बताना चाहता हूं कि प्रतापगढ़ में लू से अभी तक किसी की मौत नहीं हुई. जो भी मौतें हुई हैं, वह जनरल बीमारी से हुई हैं. समाचार पत्रों में छाप दिया गया था कि लू से 18 व्यक्तियों की मौत हुई है. जो पूरी तरह से फर्जी है. इस संबंध में बाकी जहां तक तैयारियों की बात है तो जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज में परिवर्तित हो चुका है. वार्ड में हर तरह की व्यवस्था की गई है.

कूलर, एसी आदि व्यवस्थाओं को लेकर सीएमओ ने बताया कि कुछ स्थानों पर एसी हैं. मरीजों के बैठने पर कूलर की हवा मिलती है. पूरे चिकित्सालय में तो एसी और कूलर लगाया जाना संभव नहीं है. लेकिन, ऐसी जगह हैं जहां मरीज बैठकर कूलर और एसी की हवा ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीएचसी व पीएचसी की बात की जाए तो हर जगह विशेषकर कूलर की व्यवस्था है. ठंडे पेयजल की व्यवस्था है. आरो की व्यवस्था है. साथ ही वहां पर वायरस कॉर्नर बने हुए हैं. वहां पर पीने के पानी के साथ-साथ इलाज की सारी व्यवस्थाएं हैं. जहां पर एसी की जरूरत है, वहां एसी लगाया गया है. जहां एसी की व्यवस्था नहीं हो सकती, वहां कूलर की व्यवस्था कराई गई है.

मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सुरेश सिंह ने बताया कि हीटवेव का कोई पेशेंट नहीं आया. उन्होंने बताया कि पुराना सांस फूलने वाला मरीज हो, फेफड़े की बीमारी हो, कोई हार्ट का मरीज हो ऐसे मरीज की ऑलरेडी क्षमता कम होती है. ऐसे में हीटवेव झेलने की क्षमता कम होती है और उसकी चपेट में जल्द आ सकते हैं. हीटवेव से ऐसे कोई भी मरीज की उनके यहां डेथ नहीं हुई है. ऑडिट की प्रक्रिया हमारे यहां चल रही है. इसके लिए पूरी टीम गठित की गई है. अभी संज्ञान में एक बहुत पुराना करीब 60-70 की उम्र का पेशेंट था, सांस और दमा से पीड़ित था. उसकी मौत हुई है. हमारे यहां हर वार्ड में कूलर क्रियाशील हैं. पांच कूलर नए लगवाए हैं. 15 से 20 कूलर और लगाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके यहां 6 से 8 वार्ड हैं. अभी नए भवन में सिर्फ एक वार्ड फीमेल सर्जिकल वार्ड चल रहा है, बाकी अभी खाली हैं.

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