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Pratapgarh CMO Office में दिव्यांग को प्रमाण पत्र के बदले मिलीं गालियां और जातिसूचक शब्द

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Published : Jan 25, 2023, 10:33 PM IST

प्रतापगढ़ सीएमओ आफिस ( Pratapgarh CMO Office) में दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों की भीड़ लगी रहती है. जहां दिव्यांग नन्दलाल यादव ने बताया कि उसे जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अस्पताल से भगा दिया गया.

नवाजा गया
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प्रतापगढ़ः देश में प्रधानमंत्री ने विकलांगों को सम्मान देने के लिए दिव्यांग की संज्ञा तो दी है. लेकिन उनके हालात अभी तक बिल्कुल नहीं बदले हैं. प्रतापगढ़ सीएमओ ऑफिस में बुधवार को तो दिव्यांग पटल में एक पीड़ित को गालियां देकर जूतों से मारने की बात कही गई. पीड़ित दिव्यांग रोता बिलखता बाहर निकल आया और न्याय की गुहार लगाई है.

दिव्यांग नन्दलाल यादव ने मीडिया को रोते बिलखते हुए बताया कि वह कुंडा इलाके के जैसावां का रहने वाला है. वह 50 किलोमीटर की दूरी तय करके सीएमओ आफिस आया है. यहां दिव्यांगों के परीक्षण के दौरान मनमानी की जाती है. लेकिन दिव्यांगों की सहूलियत के लिए यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है. पीड़ित दिव्यांग ने बताया उसकी पत्नी को दिखाई नहीं देता है. वह बुधवार को प्रतापगढ़ मुख्यालय पर सीएमओ के दिव्यांग पटल पर पहुंच गया. यहां बैठने के लिए कोई व्यापक प्रबंध भी नहीं किया गया है, जिससे दिव्यांगों को ज्यादा परेशानी होती है.

जहां काफी देर इंतजार करने के बाद उसकी बारी आई. जहां उसे डॉक्टरों द्वारा डांट फटकार और जूते से मारने की बात कही गई. पीड़ित ने बताया कि उसे जातिसूचक गलियां देकर अस्पताल से भगा दिया गया. इतना ही नहीं उसका आरोप है कि उसे सीएमओ से मिलने भी नहीं दिया गया. पीड़ित दंपत्ति ने कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह जिलाधिकारी आवास पर आत्मदाह कर लेंगे. इस संबंध में सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल ने बताया कि इस तरह के किसी प्रकरण की हमें जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. लेकिन मामले की विभाग से जांच कराएंगे. जांच में आरोपी पाए जाने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.


यह भी पढ़ें- Ram Charit Manas के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य का अब पंडे-पुजारी पर निशाना, बोले-धंधा बंद होने का डर सता रहा

प्रतापगढ़ः देश में प्रधानमंत्री ने विकलांगों को सम्मान देने के लिए दिव्यांग की संज्ञा तो दी है. लेकिन उनके हालात अभी तक बिल्कुल नहीं बदले हैं. प्रतापगढ़ सीएमओ ऑफिस में बुधवार को तो दिव्यांग पटल में एक पीड़ित को गालियां देकर जूतों से मारने की बात कही गई. पीड़ित दिव्यांग रोता बिलखता बाहर निकल आया और न्याय की गुहार लगाई है.

दिव्यांग नन्दलाल यादव ने मीडिया को रोते बिलखते हुए बताया कि वह कुंडा इलाके के जैसावां का रहने वाला है. वह 50 किलोमीटर की दूरी तय करके सीएमओ आफिस आया है. यहां दिव्यांगों के परीक्षण के दौरान मनमानी की जाती है. लेकिन दिव्यांगों की सहूलियत के लिए यहां व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है. पीड़ित दिव्यांग ने बताया उसकी पत्नी को दिखाई नहीं देता है. वह बुधवार को प्रतापगढ़ मुख्यालय पर सीएमओ के दिव्यांग पटल पर पहुंच गया. यहां बैठने के लिए कोई व्यापक प्रबंध भी नहीं किया गया है, जिससे दिव्यांगों को ज्यादा परेशानी होती है.

जहां काफी देर इंतजार करने के बाद उसकी बारी आई. जहां उसे डॉक्टरों द्वारा डांट फटकार और जूते से मारने की बात कही गई. पीड़ित ने बताया कि उसे जातिसूचक गलियां देकर अस्पताल से भगा दिया गया. इतना ही नहीं उसका आरोप है कि उसे सीएमओ से मिलने भी नहीं दिया गया. पीड़ित दंपत्ति ने कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह जिलाधिकारी आवास पर आत्मदाह कर लेंगे. इस संबंध में सीएमओ गिरेन्द्र मोहन शुक्ल ने बताया कि इस तरह के किसी प्रकरण की हमें जानकारी नहीं प्राप्त हुई है. लेकिन मामले की विभाग से जांच कराएंगे. जांच में आरोपी पाए जाने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.


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