प्रतापगढ़. जनपद के बाबा घुइसरनाथ धाम में 28वां राष्ट्रीय एकता महोत्सव आयोजित हुआ. महोत्सव में रविवार को बॉलीवुड सिंगर रवि त्रिपाठी ने शिरकत की. प्लेबैक सिंगर रवि त्रिपाठी ने महोत्सव में अपने परफॉर्मेंस से चार चांद लगा दिए. रवि के गानों पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी खुद को झूमने से रोक नहीं पाए. यहां रवि त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बॉलिवुड के कई गंभीर मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में सिंगर रवि त्रिपाठी ने कहा कि 'व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि बॉयकॉट ऐसे कोई नहीं करता कि कोई कहीं जाकर किसी आदमी पकड़ लेता है कि आप फिल्म मत देखो. उन्होंने कहा कि आप स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं. आप कुछ भी बोल सकते हैं. आप कुछ भी खा सकते हैं. कुछ भी पहन सकते हैं. यदि किसी को लगता है कि उनकी भावनाओं को कोई फिल्म ठेस पहुंचा रही है या फिर उस बात सहमत नहीं है या कोई किसी को बोलता है कि फिल्म मत देखिए, तो मुझे ऐसा लगता है कि इसे अच्छे और बुरे के तराजू में नहीं तौलना चाहिए. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. हर आदमी स्वतंत्र हैं.'
बॉलीवुड में हर विचारधारा के लोगः फिल्मों में हिंदू संस्कृति के साथ छेड़छाड़ और हिंदू भावनाओं को भड़काने पर रवि त्रिपाठी ने कहा कि 'यह जरनल परसेप्शन है, कुछ लोगों के बारे में. ओवर ऑल किसी भी इंडस्ट्री को लोग सिर्फ कुछ लोगों की वजह से नहीं पहचानते हैं. बॉलीवुड में हर तरह के और हर विचारधारा के लोग हैं. मैं कह सकता हूं कि एक समूह है, जिनका अपना एजेंडा हो सकता है. वो पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों हो सकता है. लेकिन सब के सब ऐसे नहीं हैं. मेरे ख्याल से जो इस तरह के लोग हैं. उनको यह संदेश देना चाहिए कि गलत हो रहा है.'
साउथ इंडस्ट्री है काफी लिबरलः साउथ फिल्मों की लोकप्रियता पर रवि त्रिपाठी ने ईटीवी से कहा कि 'मेरी नजर में काफी समय से जो पॉपुलर सेंटीमेंटस हैं, पॉपुलर सेंटीमेंट्स को मैं किसी हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई में नहीं तौलूंगा. जो भी मेजॉरिटी का एक सेंटीमेंट है, उसकी भावना रही होगी तो काफी हद तक उसको कुछ फिल्मों ने बॉलीवुड का मजाक उड़ाया. उनको लगा कि शायद यही चलना चाहिए, यही चलता रहता था. पहले और यही चलता रहेगा. अब थोड़ी सी जागृति आई है. वो संस्कृति को लेकर हो या फिर इतिहास को लेकर. मुझे लगता है कि साउथ वाले इसमें काफी लिबरल रहे हैं. जो उनकी अभिव्यक्ति है. वह पक्षपात पूर्ण नहीं है. आप किसी एजेंडे के तहत बोल रहे हैं कि यह खराब ही होते हैं या फिर यह अच्छे ही होते हैं. तो वो गलत है. इसीलिए बॉलीवुड की कुछ फिल्में हैं, जिनका हाल बहुत बुरा हुआ. वहीं, साउथ ने नेचुरल सेंटीमेंट्स दिखाया. जो तिलक और भगवा पहनकर भी अच्छा हो सकता है या फिर कोई टोपी वाला भी अच्छा हो सकता है.'
रीमिक्स गानों के फायदे और नुकसान दोनोंः बॉलीवुड फिल्मों में गानों के रीमिक्स पर उन्होंने कहा कि 'कहीं ना कहीं क्रिएटिविटी कम लगती है, अगर आप जितना भी काम करते हैं. उसमें 50 से 90 फीसदी आपका कम रहे कि हम रिमेक्स ही बना रहे हैं. जनता के मन में जो सवाल उठता है स्वाभाविक है. मुझे लगता है की रीमेक बुरा भी नहीं है, क्योंकि बहुत सारे पुराने गाने ऐसी भी हैं जो आज के युवा पीढ़ी को नहीं मालूम. लेकिन जब उसका रीमिक्स हुआ तो वो जान पाएगा कि ये गाना पहले भी हो चुका है. तो इसके फायदे भी हैं और नुकसान भी.
एशियाई खेल में जैकी चैन के साथ किया परफॉर्मः बता दें कि रवि त्रिपाठी गायक के साथ-साथ संगीतकार, संगीत निर्देशक, अभिनेता और टेलीविजन मेजबान भी हैं. अभिनेता के तौर पर रवि त्रिपाठी ने अक्षय कुमार और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म चांदनी चौक टू चाइना से बॉलीवुड में अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी. इसमें रवि ने बप्पी लहरी के साथ 'इंडिया से आया तेरा दोस्त' गाना गाया. साल 2009 में रवि त्रिपाठी ने एशियाई खेल के काउंटडाउन शो में हॉलीवुड स्टार जैकी चैन के साथ परफॉर्म कर चीन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. साथ ही एशियाई खेल के समापन समारोह मे भी उन्हें आमंत्रित किया गया. यहां उन्होंने ऑस्कर विजेता एआर रहमान का गाना जय हो गाया.
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