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रोटोमैक घोटाला: राहुल कोठारी को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोटोमैक और सहयोगी कंपनी निदेशकों को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. रोटोमैक कंपनी पर 7500 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले का आरोप है.

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Published : May 5, 2020, 6:37 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST

Rotomac promoter Vikram Kothari
घोटाले के तीनों आरोपी कानपुर जेल मे बंद है

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7500 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले के आरोपी रोटोमैक कंपनी के निदेशक राहुल कोठारी, सहयोगी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक सुजॉय देसाई और उदय देसाई को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. तीनों को 19 मार्च को दिल्ली और मुंबई से गिरफ्तार किया गया था.

राहुल कोठारी, सुजॉय देसाई और उदय देसाई ने कोरोना वायरस के प्रकोप और अपनी टाइप-2 डायबटीज व अस्थमा बीमारी के आधार पर तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाइकोर्ट में ऑनलाइन अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अर्जी खारिज कर दी है.

केंद्र सरकार की ओर से सहायक सॉलिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने ईमेल से जवाब दाखिल कर जमानत अर्जी का विरोध किया था. कोर्ट ने जेल प्राधिकारी को याचियों की संक्रमण से सुरक्षा का इंतजाम करने का भी निर्देश दिया है. घोटाले के तीनों आरोपी कानपुर जेल मे बंद है. कोर्ट ने सीबीआई को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.

करोड़ों के घोटाले का है आरोप

ज्ञान प्रकाश के मुताबिक इन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लेकर घोटाला किया है. रोटोमेक कंपनी के खिलाफ इससे पूर्व सीबीआई भी इलाहाबाद बैंक से 36 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर चुकी है. इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा से 456 करोड़ रुपए और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल द्वारा 3592 करोड़ रुपए के लोन में धोखाधड़ी करने का आरोप है. इनके खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7500 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले के आरोपी रोटोमैक कंपनी के निदेशक राहुल कोठारी, सहयोगी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक सुजॉय देसाई और उदय देसाई को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. तीनों को 19 मार्च को दिल्ली और मुंबई से गिरफ्तार किया गया था.

राहुल कोठारी, सुजॉय देसाई और उदय देसाई ने कोरोना वायरस के प्रकोप और अपनी टाइप-2 डायबटीज व अस्थमा बीमारी के आधार पर तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दिए जाने की मांग को लेकर हाइकोर्ट में ऑनलाइन अर्जी दाखिल की थी. कोर्ट ने दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अर्जी खारिज कर दी है.

केंद्र सरकार की ओर से सहायक सॉलिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने ईमेल से जवाब दाखिल कर जमानत अर्जी का विरोध किया था. कोर्ट ने जेल प्राधिकारी को याचियों की संक्रमण से सुरक्षा का इंतजाम करने का भी निर्देश दिया है. घोटाले के तीनों आरोपी कानपुर जेल मे बंद है. कोर्ट ने सीबीआई को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.

करोड़ों के घोटाले का है आरोप

ज्ञान प्रकाश के मुताबिक इन्होंने गलत दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लेकर घोटाला किया है. रोटोमेक कंपनी के खिलाफ इससे पूर्व सीबीआई भी इलाहाबाद बैंक से 36 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर चुकी है. इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा से 456 करोड़ रुपए और फ्रॉस्ट इंटरनेशनल द्वारा 3592 करोड़ रुपए के लोन में धोखाधड़ी करने का आरोप है. इनके खिलाफ सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 3:07 PM IST
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