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अखिलेश यादव बोले, किसकी बात कर रहे हैं, कौन हैं राजा भइया...पढ़िए पूरी खबर

आगामी यूपी चुनाव में पार्टी का खाता खोलने की आस लगाए जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतापगढ़ में ही पहचानने से इंकार कर दिया. तीन दिन पहले मुलायम सिंह यादव से मिलकर लौटे राजा भइया के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

प्रतापगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह बोले.
प्रतापगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह बोले.
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Published : Nov 28, 2021, 7:33 PM IST

प्रतापगढ़ः जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भइया) को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करारा झटका दिया है. जिले में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जब राजा भइया की पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने राजा भइया को पहचानने से ही इंकार कर दिया. 25 नवंबर को राजा भइया सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर लौटे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव की इस प्रतिक्रिया ने उन्हें करारा झटका दिया है. साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सपा अभी तक जितनी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुकी है उन्हीं के साथ ही चुनाव लडे़गी. सपा प्रतापगढ़ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

सपा जिला उपाध्यक्ष पप्पू यादव की बेटी के वैवाहिक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे अखिलेश यादव ने जिस अंदाज में मौजूदा गठबंधन को लेकर बात कही उससे लग रहा है कि वह फिलहाल राजा भइया की पार्टी से गठबंधन को लेकर इच्छुक नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लीक सरकार है. इस सरकार में ज्यादातर पेपर लीक ही हो रहे हैं.

प्रतापगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह बोले.

सब लीक पेपर की जांच एसआईटी को दी जा रही है. पेपर लीक कराने वालों के संबंध भाजपा से हैं. कहा कि यह सरकार किसी नौजवान को नौकरी नही देना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में जो चार हत्याएं हुईं हैं वह इसलिए हुईं हैं कि दलित परिवार चार सालों से रास्ता मांग रहा था लेकिन थाने, तहसील, डीएम किसी ने भी सुनवाई नहीं की. इस विवाद में चार हत्याएं हो गईं.

उन्होंने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि बाबा मुख्यमंत्री बोल रहे थे की लैपटॉप देंगे. किसी को यहां लैपटाप मिला क्या. हमारे बाबा सीएम लैपटाप चलाना ही नहीं जानते हैं. कहा कि किसी किसान कों खाद नही मिल रही है. अब बोरियों में खाद कम मिलती है लेकिन पैसा उतना ही लिया जाता है. जनता ने भाजपा सरकार को हटाने का मन बना लिया है.

ये भी पढ़ेंः UPTET Exam 2021 Cancelled: एसटीएफ की जांच में खुलासा, पांच लाख रुपये में मिले थे दस leak paper...50 से 60 लोगों को बेचने थे

तीन दिन पहले मुलायम से लखनऊ में मिले थे राजा भइया

25 नवंबर को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा प्रतापगढ़ से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे. उनके अचानक वहां पहुंचने की सूचनाओं से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई थीं. यह मुलाकात करीब 15 मिनट की रही थी. मुलायम सिंह से मिलकर लौटे राजा भैया ने अपनी इस मुलाकात को शिष्टाचार बैठक बताया था. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि वह हमेशा से ही नेता जी के करीब रहे हैं.

बड़ा सवाल, राजा भइय़ा की पार्टी का जनाधार कैसे बढ़ेगा...

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस तरह मुकर जाने के बाद राजा भइया की पार्टी के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के सामने पहले विधानसभा चुनाव में खाता खोलने की चुनौती है. हालांकि इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह लगातार छह बार से विधायक हैं, अभी तक वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. राजा भइया चाहते हैं कि आगामी चुनाव में उनकी पार्टी न केवल खाता खोले बल्कि अच्छी सफलता भी हासिल करें. मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात इसी संदर्भ में देखी जा रही थी. उनकी सारी उम्मीदें अब धाराशायी हो गईं हैं, अब यह देखना रोचक होगा कि राजा भइया किसी और पार्टी का दामन थामेंगे या फिर अकेले ही अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतार देंगे.

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प्रतापगढ़ः जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भइया) को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करारा झटका दिया है. जिले में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जब राजा भइया की पार्टी से गठबंधन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने राजा भइया को पहचानने से ही इंकार कर दिया. 25 नवंबर को राजा भइया सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलकर लौटे हैं. ऐसे में अखिलेश यादव की इस प्रतिक्रिया ने उन्हें करारा झटका दिया है. साथ ही अखिलेश यादव ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सपा अभी तक जितनी पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुकी है उन्हीं के साथ ही चुनाव लडे़गी. सपा प्रतापगढ़ की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

सपा जिला उपाध्यक्ष पप्पू यादव की बेटी के वैवाहिक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे अखिलेश यादव ने जिस अंदाज में मौजूदा गठबंधन को लेकर बात कही उससे लग रहा है कि वह फिलहाल राजा भइया की पार्टी से गठबंधन को लेकर इच्छुक नहीं हैं. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लीक सरकार है. इस सरकार में ज्यादातर पेपर लीक ही हो रहे हैं.

प्रतापगढ़ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यह बोले.

सब लीक पेपर की जांच एसआईटी को दी जा रही है. पेपर लीक कराने वालों के संबंध भाजपा से हैं. कहा कि यह सरकार किसी नौजवान को नौकरी नही देना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में जो चार हत्याएं हुईं हैं वह इसलिए हुईं हैं कि दलित परिवार चार सालों से रास्ता मांग रहा था लेकिन थाने, तहसील, डीएम किसी ने भी सुनवाई नहीं की. इस विवाद में चार हत्याएं हो गईं.

उन्होंने सीएम योगी पर तंज कसते हुए कहा कि बाबा मुख्यमंत्री बोल रहे थे की लैपटॉप देंगे. किसी को यहां लैपटाप मिला क्या. हमारे बाबा सीएम लैपटाप चलाना ही नहीं जानते हैं. कहा कि किसी किसान कों खाद नही मिल रही है. अब बोरियों में खाद कम मिलती है लेकिन पैसा उतना ही लिया जाता है. जनता ने भाजपा सरकार को हटाने का मन बना लिया है.

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तीन दिन पहले मुलायम से लखनऊ में मिले थे राजा भइया

25 नवंबर को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा प्रतापगढ़ से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे. उनके अचानक वहां पहुंचने की सूचनाओं से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई थीं. यह मुलाकात करीब 15 मिनट की रही थी. मुलायम सिंह से मिलकर लौटे राजा भैया ने अपनी इस मुलाकात को शिष्टाचार बैठक बताया था. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि वह हमेशा से ही नेता जी के करीब रहे हैं.

बड़ा सवाल, राजा भइय़ा की पार्टी का जनाधार कैसे बढ़ेगा...

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस तरह मुकर जाने के बाद राजा भइया की पार्टी के अस्तित्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के सामने पहले विधानसभा चुनाव में खाता खोलने की चुनौती है. हालांकि इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह लगातार छह बार से विधायक हैं, अभी तक वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. राजा भइया चाहते हैं कि आगामी चुनाव में उनकी पार्टी न केवल खाता खोले बल्कि अच्छी सफलता भी हासिल करें. मुलायम सिंह यादव से उनकी मुलाकात इसी संदर्भ में देखी जा रही थी. उनकी सारी उम्मीदें अब धाराशायी हो गईं हैं, अब यह देखना रोचक होगा कि राजा भइया किसी और पार्टी का दामन थामेंगे या फिर अकेले ही अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतार देंगे.

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