ETV Bharat / state

भगवान भरोसे स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, डॉक्टरों की लापरवाही से 6 जच्चा-बच्चा की मौत

प्रतापगढ़ में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से शनिवार से लेकर रविवार देर शाम तक 6 जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. इसकी वजह से परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. सीएमओ का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी.

प्रतापगढ़
प्रतापगढ़
author img

By

Published : Apr 17, 2023, 6:39 AM IST

प्रतापगढ़: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अब भगवान भरोसे ही चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बदस्तूर जारी है. बावजूद इसके आला अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिले में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शनिवार देर शाम से रविवार देर शाम तक नवजात सहित 6 जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. मौतों की वजह से अलग-अलग अस्पतालों में जमकर हंगामा हुआ.

पहला मामला रानीगंज थाना क्षेत्र के गौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया. यहां अवधानपुर के अजय कुमार सरोज की पत्नी हेमलता सरोज (30) को रविवार देर रात प्रसव पीड़ा हुई. परिजन महिला को लेकर गौरा सीएचसी पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. इसी बीच एक बिचौलिया हेमलता को लेकर सीएचसी से 200 मीटर दूर स्थित आदर्श पॉली क्लीनिक गौरा चला गया.

प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टरों ने हेमलता की जांच के बाद परिजनों से ऑपरेशन करने की बात कही. परिजन मान गए और ऑपरेशन करने के लिए कहा. इसी बीच ऑपरेशन के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत हो गई. इसके बाद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी परिजनों को घटना की जानकारी देने के बजाय अस्पताल छोड़कर फरार हो गए. घटना की जानकारी होते के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया और पॉली क्लीनिक में तोड़फोड़ करने लगे. कई लोगों के समझाने-बुझाने के बाद परिजन शव लेकर घर चले गए. हालांकि, सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की.

दूसरा मामला फतनपुर थाना क्षेत्र का है. नारायणपुर खुर्द गांव की पूजा सिंह (26) को प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन शनिवार देर शाम मुंगरा बादशाहपुर स्थित मदर हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम लेकर पहुंचे. यहां नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान दोनों की हालत खराब हो गई. प्रयागराज ले जाने के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों ने मुंगरा बादशाहपुर थाने में अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की.

एक अन्य मामला मांधाता थाना क्षेत्र है. यहां लाखूपुर के मुकेश सरोज की बेटी विनीता सरोज (24) गर्भवती होने पर मायके आई थी. शनिवार देर शाम प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे पीएचसी लेकर पहुंचे. लेकिन, वहां महिला डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिली. डॉक्टर के न होने से स्टाफ नर्स प्रसव कराने के लिए उसे लेबर रूम में लेकर चली गई. रात में विनीता की तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. परिजन पीड़िता को लेकर मेडिकल कॉलेज जा रहे थे कि रास्ते में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई.

मामले में मांधता चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र यादव का कहना है कि महिला को दौरे आ रहे थे, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं, सीएमओ जीएम शुक्ला ने कहा कि जच्चा-बच्चा के मौत का प्रकरण संज्ञान में आया है. अभी किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है. फिलहाल सभी प्रकरणों को संज्ञान में लेकर जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: मिर्जापुर में महिला ने अपने दो बच्चों के साथ की आत्महत्या, रेल पटरी पर मिले शवों की शिनाख्त नहीं

प्रतापगढ़: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं अब भगवान भरोसे ही चल रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बदस्तूर जारी है. बावजूद इसके आला अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिले में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शनिवार देर शाम से रविवार देर शाम तक नवजात सहित 6 जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. मौतों की वजह से अलग-अलग अस्पतालों में जमकर हंगामा हुआ.

पहला मामला रानीगंज थाना क्षेत्र के गौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया. यहां अवधानपुर के अजय कुमार सरोज की पत्नी हेमलता सरोज (30) को रविवार देर रात प्रसव पीड़ा हुई. परिजन महिला को लेकर गौरा सीएचसी पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया. इसी बीच एक बिचौलिया हेमलता को लेकर सीएचसी से 200 मीटर दूर स्थित आदर्श पॉली क्लीनिक गौरा चला गया.

प्राइवेट क्लीनिक के डॉक्टरों ने हेमलता की जांच के बाद परिजनों से ऑपरेशन करने की बात कही. परिजन मान गए और ऑपरेशन करने के लिए कहा. इसी बीच ऑपरेशन के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत हो गई. इसके बाद डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी परिजनों को घटना की जानकारी देने के बजाय अस्पताल छोड़कर फरार हो गए. घटना की जानकारी होते के बाद आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया और पॉली क्लीनिक में तोड़फोड़ करने लगे. कई लोगों के समझाने-बुझाने के बाद परिजन शव लेकर घर चले गए. हालांकि, सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की.

दूसरा मामला फतनपुर थाना क्षेत्र का है. नारायणपुर खुर्द गांव की पूजा सिंह (26) को प्रसव पीड़ा होने लगी तो परिजन शनिवार देर शाम मुंगरा बादशाहपुर स्थित मदर हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम लेकर पहुंचे. यहां नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान दोनों की हालत खराब हो गई. प्रयागराज ले जाने के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. घटना के बाद परिजनों ने मुंगरा बादशाहपुर थाने में अस्पताल संचालक के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की.

एक अन्य मामला मांधाता थाना क्षेत्र है. यहां लाखूपुर के मुकेश सरोज की बेटी विनीता सरोज (24) गर्भवती होने पर मायके आई थी. शनिवार देर शाम प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे पीएचसी लेकर पहुंचे. लेकिन, वहां महिला डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिली. डॉक्टर के न होने से स्टाफ नर्स प्रसव कराने के लिए उसे लेबर रूम में लेकर चली गई. रात में विनीता की तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. परिजन पीड़िता को लेकर मेडिकल कॉलेज जा रहे थे कि रास्ते में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई.

मामले में मांधता चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश चंद्र यादव का कहना है कि महिला को दौरे आ रहे थे, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. वहीं, सीएमओ जीएम शुक्ला ने कहा कि जच्चा-बच्चा के मौत का प्रकरण संज्ञान में आया है. अभी किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है. फिलहाल सभी प्रकरणों को संज्ञान में लेकर जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें: मिर्जापुर में महिला ने अपने दो बच्चों के साथ की आत्महत्या, रेल पटरी पर मिले शवों की शिनाख्त नहीं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.