ETV Bharat / state

पीलीभीत : होली के दूसरे दिन महिलाओं ने खेला रंग, जानिए क्यों

पीलीभीत जनपद के माधोटांडा कस्बे की होली की परंपरा भी अपने आप में अनोखी है. यहां होली के पहले दिन पुरुष रंग खेलते हैं तो वहीं दूसरा दिन महिलाओं का होता है.

होली के दूसरे दिन महिलाओं ने खेला रंग
author img

By

Published : Mar 22, 2019, 9:48 PM IST

पीलीभीत : हजारों साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए पीलीभीत के माधोटांडा की महिलाओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली मनाई. यहां की महिलाएं होली के दूसरे दिन रंग खेलती हैं. दरअसल रियासत की परंपरा के अनुसार यहां पर होली के दिन केवल पुरुष ही रंग खेलते हैं.

होली के दूसरे दिन महिलाओं ने खेला रंग.

कस्बा माधोटांडा रियासत में महिलाओं ने श्री ठाकुर द्वारा माधव मुकुंद महाराज मंदिर में एकत्र होकर जमकर होली खेली और फिर कस्बे में रंगों की बौछार से एक-दूसरे को सराबोर कर दिया. इस दौरान महिलाओं और युवतियों ने ढोल की थाप पर जमकर डांस किया.

दूसरे दिन होली खेले जाने के पीछे महिलाओं का कहना है कि माधोटांडा राज परिवार में पहले दिन पुरुष होली खेलते थे और दूसरे दिन पुरुष अपने लाव लश्कर के साथ जंगल में शिकार खेलने चले जाते थे. वहीं महिलाओं के होली खेलने के लिए पूरा गांव छोड़ दिया जाता था. इतना ही नहीं अंग्रेज अफसर भी डरकर जंगल की ओर कूच कर जाते थे.

पीलीभीत : हजारों साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए पीलीभीत के माधोटांडा की महिलाओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली मनाई. यहां की महिलाएं होली के दूसरे दिन रंग खेलती हैं. दरअसल रियासत की परंपरा के अनुसार यहां पर होली के दिन केवल पुरुष ही रंग खेलते हैं.

होली के दूसरे दिन महिलाओं ने खेला रंग.

कस्बा माधोटांडा रियासत में महिलाओं ने श्री ठाकुर द्वारा माधव मुकुंद महाराज मंदिर में एकत्र होकर जमकर होली खेली और फिर कस्बे में रंगों की बौछार से एक-दूसरे को सराबोर कर दिया. इस दौरान महिलाओं और युवतियों ने ढोल की थाप पर जमकर डांस किया.

दूसरे दिन होली खेले जाने के पीछे महिलाओं का कहना है कि माधोटांडा राज परिवार में पहले दिन पुरुष होली खेलते थे और दूसरे दिन पुरुष अपने लाव लश्कर के साथ जंगल में शिकार खेलने चले जाते थे. वहीं महिलाओं के होली खेलने के लिए पूरा गांव छोड़ दिया जाता था. इतना ही नहीं अंग्रेज अफसर भी डरकर जंगल की ओर कूच कर जाते थे.

Intro:हजारों साल पुरानी परंपराओं को निभाते हुए पीलीभीत के माधोटांडा की महिलाओं ने मनाई होली

होली के 1 दिन बाद माधव टांडा की महिलाएं खेलती है होली

हजारों साल पहले माधोटांडा रियासत के समय से चलती आ रही है परंपरा

अपनी रियासत की परंपराओं को बनाए रखने के लिए आज महिलाओं ने एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर मनाई होली

रियासत की परंपरा के अनुसार यहां पर होली के दिन केवल पुरुष खेलते हैं होली

और होली के दूसरे दिन केवल महिलाएं खेलते हैं होली


Body:भले ही ब्रिटिश काल में अंग्रेजी अफसर किसी से नहीं डरते थे पर पीलीभीत के कस्बा माधोटांडा रियासत में होली के दूसरे दिन अंग्रेज अफसर भी डर कर जंगल की ओर कूच कर जाते थे

देश में जहां बृज बरसाना मथुरा की होली अपने आप में अनूठी है तो वहीं प्रदेश के पीलीभीत के जनपद के माधोटांडा कस्बे की होली भी परंपरा अपने आप में अनोखी है यहां पहले दिन होली पुरुष खेलते हैं और दूसरे दिन महिलाएं जमकर होली खेलती हैं, आज कस्बा में महिलाओं ने श्री ठाकुर द्वारा माधव मुकुंद महाराज मंदिर में एकत्र होकर जमकर होली खेली और फिर कस्बे में रंगों की बौछार से लोगों को सराबोर कर दिया दूसरे दिन होली खेले जाने के पीछे महिलाओं का कहना है कि माधोटांडा राज परिवार के लोग पहले दिन पुरुष होली खेलते थे दूसरे दिन पुरुष लोग अपने लाव लश्कर के साथ जंगल में शिकार खेलने को चले जाते थे और महिलाओं को होली खेलने के लिए पूरा गांव छोड़ दिया जाता था, आज भी यह परंपरा कायम है


Conclusion:बाइट- रीता देवी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.