पीलीभीत: जनपद के टाइगर रिजर्व में अब संविदा पर पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट रखे जाने का फैसला लिया गया है. यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि टाइगर रिजर्व में एक भी पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट वन निगम की तरफ से नहीं भेजे गए हैं. जब तक वन निगम की तरफ से पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं होती, तब तक संविदा पर इनकी नियुक्ति होगी.
दरअसल पिछले कुछ दिनों पहले पीलीभीत टाइगर रिजर्व में टाइगर को ट्रेंकुलाइज करने के दौरान उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद वन निगम की तरफ से कराई गई जांच में यह सामने आया कि टाइगर रिजर्व में अभी तक किसी भी पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है. बल्कि एनटीसीए की गाइडलाइन के अनुसार टाइगर रिजर्व प्रशासन जनपद के पशु चिकित्सालय से डॉक्टर और बायोलॉजिस्ट बुलाकर वन्यजीवों को ट्रेंकुलाइज कर इलाज कराता था. लेकिन पिछले कुछ दिन पहले टाइगर की मौत के बाद से प्रशासन ने अपने स्तर पर वाइल्ड लाइफ जानवरों के ट्रेंकुलाइज और इलाज कराने के लिए संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति करने का प्रस्ताव वन निगम में भेजा है.
ट्रेंकुलाइज के दौरान 1 टाइगर की हुई थी मौत
2014 में यहां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. जिसके बाद से अभी तक यहां एक भी पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है. 2014 के बाद से पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 14 ट्रेंकुलाइज ऑपरेशन कराए गए हैं. इसमें सात तेंदुए और 7 टाइगर को ट्रेंकुलाइज किया गया. जिसमें से एक टाइगर की मौत हो चुकी है.
संविदा पर पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट की नियुक्ति
पशु चिकित्सक दो प्रकार के होते हैं जिसमें एक पालतू जानवरों का इलाज करते हैं और दूसरे जंगली जानवरों का इलाज करते हैं. लेकिन जनपद में 2014 से टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद से पालतू जानवरों का इलाज करने वाले पशु चिकित्सक ही जंगली जानवरों का इलाज कर रहे थे. जिसके चलते टाइगर रिजर्व ने जंगली जानवरों के इलाज हेतु संविदा पर पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट की नियुक्ति का निर्णय लिया है.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में संविदा पर पशु चिकित्सक और बायोलॉजिस्ट रखे जाएंगे. जिसको लेकर पत्राचार हमारी ओर से किया गया है.
नवीन खंडेलवाल, डिप्टी डायरेक्टर, पीलीभीत टाइगर रिजर्व