पीलीभीत: शासन द्वारा निलंबित किए गए डिप्टी आरएमओ ने मीडिया के सामने आते हुए अपने ही विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है. कहा कि उन पर जो आरोप लगे हैं. वह निराधार हैं. अगर इन आरोपों को मद्देनजर रखा जाएगा तो यूपी के अधिकांश डिप्टी आरएमओ सस्पेंड हो जाएंगे. साथ ही कहा कि गलत पत्र के आधार पर उनपर कार्रवाई हुई है. बता दें कि, डिप्टी आरएमओ विकास तिवारी को गुरुवार देर रात खाद्य आयुक्त ने कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया था. आरोप था कि डिप्टी आरएमओ लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद कराने में रुचि नहीं ले रहे हैं.
डिप्टी आरएमओ विकास तिवारी (Deputy RMO Vikas Tiwari) ने कहा कि बीते कई दिनों से पीलीभीत में धान खरीद के सीजन में एक सिंडिकेट काम करता था. राइस मिलों पर धान खरीद होने के बाद उनके कागज सेंटरों पर चढ़ा दिए जाते थे, जिसे सरकारी धान खरीद का नाम दिया जाता था. इस प्रथा को बदलने के लिए वह लगातार कार्यरत थे और सरकार की नीतियों का लाभ किसानों को दिलाना चाहते थे. दूसरी तरफ पूरनपुर में तैनात एएमओ राम कैलाश सोनकर के खिलाफ शिकायतों के आधार पर हुई कार्रवाई को उन्होंने अपने निलंबन के मुख्य वजह बताया है.
डिप्टी आरएमओ का कहना है कि मुझ पर लगातार राम कैलाश सोनकर को डिप्टी ऑफिस से हटाकर फिर से मंडी में तैनाती देने का दबाव बनाया जा रहा था. मैंने इससे साफ इनकार कर दिया, जिसके बाद आरएफसी बरेली ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर मुझ पर कार्रवाई करा दी. जिला अधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कुछ ही दिनों पहले एएमओ राम कैलाश के खिलाफ शिकायतों का हवाला देकर उन्हें पूरनपुर मंडी से हटाकर पीलीभीत के डिप्टी ऑफिस में अटैच कर दिया था. उनके स्थान पर लाल प्रताप सिंह को पूरनपुर मंडी में तैनाती दी गई थी. तब से ही विभाग में डिप्टी आरएमओ के तबादले या उन पर कार्रवाई को लेकर सुगबुगाहट थी.
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