पीलीभीतः बुधवार की देर शाम नकटादाना चौराहे के पास "अपना हॉस्पिटल" में डॉक्टर की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी. जच्चा-बच्चा की मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा था, जिसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस मामले को शांत नहीं करा पाई. मामला बढ़ता देख सिटी मजिस्ट्रेट अरुण कुमार स्वास्थ विभाग की टीम के साथ हॉस्पिटल पहुंचे, जिसके बाद दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था.
बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा अपना हॉस्पिटल
स्वास्थ्य विभाग से चंद किलोमीटर की दूरी पर चल रहे अपना हॉस्पिटल उस वक्त सुर्खियों में आया, जब अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. जिस पर पता चला कि अस्पताल बिना किसी रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरह से संचालित हो रहा था. जिसकी जानकारी मिलते ही स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया था.
सिटी मजिस्ट्रेट ने स्वास्थ्य विभाग से मांगा पूरा ब्यौरा
हॉस्पिटल फर्जी पाए जाने पर सिटी मजिस्ट्रेट अरुण कुमार के आदेश पर एसडीएम योगेश गौड़ स्वास्थ विभाग की टीम के साथ अस्पताल पहुंचे. जहां पर डॉक्टर को सूचना मिलते ही फरार हो गए. हॉस्पिटल पहुंचे अधिकारियों ने अस्पताल को पूरी तरह सीज करा दिया है.
स्वास्थ्य विभाग बना लापरवाह विभाग
स्वास्थ विभाग से चंद किलोमीटर की दूरी पर फर्जी हॉस्पिटल चलने से स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ विभाग की लापरवाही के चलते गलत इलाज करने वाले डॉक्टरों की वजह से एक परिवार के जच्चा-बच्चा को अपनी जान गंवानी पड़ी. स्वास्थ विभाग पूरी तरह से लापरवाह विभाग बना हुआ है. जानकारी देते हुए एसडीएम योगेश गौड़ ने बताया कि अपना हॉस्पिटल बिना किसी रजिस्ट्रेशन से फर्जी तरह से संचालित हो रहा था. इसको पूरी तरह से सीज कर दिया गया है.