पीलीभीत: पीडब्ल्यूडी अक्सर गड्ढा युक्त सड़कों को लेकर सुर्खियों में रहता है. इसके साथ ही विभागीय अनियमितताएं भी समय-समय पर सामने आती रहती हैं. ऐसे में पीलीभीत के ठेकेदारों के कारनामे ने एक बार फिर पीडब्ल्यूडी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. टेंडर प्रक्रिया के नाम पर ठेकेदारों ने विभागीय अफसर की मेहरबानी के चलते बड़े घोटाले को अंजाम दिया है. जिम्मेदार अधिकारी इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं.
मामला पीलीभीत स्थित लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड का बताया जा रहा है. जहां करोड़ों रुपये के विकास कार्यों को लेकर बीते दिनों टेंडर निकाला गया था. इन कार्यों को करने के इच्छुक ठेकेदारों को ऑनलाइन टेंडर डालने थे. टेंडर प्रक्रिया की सिक्योरिटी के लिए 10% की एफडीआर भी जमा होनी थी. ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया के सिस्टम को ध्वस्त बताते हुए पीलीभीत में ठेकेदारों ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिया जिसके उजागर होने पर विभागीय अधिकारी भी हैरान रह गए.
दो ठेकेदारों ने सरकारी सिस्टम को चुनौती देते हुए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में ही खेल कर दिया. टेंडर प्रक्रिया के लिए 10% की एफडीआर जमा होनी थी. लेकिन 10% की एफडीआर फीस जमा न करते हुए सिर्फ एक परसेंट की ही एफडीआई फीस ऑनलाइन माध्यम से जमा की. जिसके बाद रिसिप्ट में एडिटिंग करते हुए उसे 10% में बदल दिया. इतना ही नहीं अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हुए एडिट की गई रिसिप्ट को ऑनलाइन पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया. ताकि विभागीय अधिकारियों को इस घोटाले की खबर ना लगे.
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इस पूरे मामले की जानकारी जब अन्य ठेकेदारों को लगी तो अधिकारियों से शिकायत कर दी. ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भी गड़बड़ी सामने आने के बाद विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया. इसके बाद पूरी टेंडर प्रक्रिया की जांच शुरू कर दी गई. लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता गगन सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में हेरा फेरी की शिकायत मिली थी. मामले की जांच कराई जा रही है. जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
मामला गंभीर तो होगी कार्रवाई: लोक निर्माण विभाग के मंडल स्तरीय संजय तिवारी ने बताया कि अधिशासी अभियंता को इस मामले की जांच सौंपी गई है. दो फर्म द्वारा टेंडर प्रक्रिया में खिलवाड़ करने की शिकायत मिली है. मामले की जांच की जा रही है. अगर मामला सही है, तो निश्चित ही कार्रवाई होगी.
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